‘ये मुद्दा पहचान का नहीं विचारधारा का है’: एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को लेकर जिग्नेश मेवानी ने बीजेपी पर साधा निशाना

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (12/07/2022): गुजरात के वडगाम से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बना देने से दलित समाज का कोई कल्याण नही हुआ, वैसे ही एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना देने से आदिवासी समाज के जंगल-जमीन जैसे महत्वपूर्ण सवालों का हल नहीं होना है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर कहा था कि लोग उन्हें इसलिए सपोर्ट कर रहे हैं क्योंकि वो आदिवासी के खिलाफ है। इसे लेकर दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाया हैं।

उन्होंने कहा कि “एक तरफ से यशवंत सिंह सिन्हा है और दूसरी तरफ से आदिवासी महिला हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला या कोई दलित या कोई निम्न ओबीसी समुदाय से कोई महिला राष्ट्रपति बने या प्रधानमंत्री बने ये बहुत बढ़िया है हमारे लोकतंत्र के लिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के लोगों का कहना है कि लोग यशवंत सिंह सिन्हा को सपोर्ट इसलिए कर रहे हैं कि वो आदिवासी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आप केवल दलित हों और आदिवासी हों उसके कारण आप लाखों-करोड़ों दलित और आदिवासी के जीवन में परिवर्तन कर देंगे ऐसा जरूर नहीं है।”

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से सवाल करते हुए कहा कि “रामनाथ कोविंद साहब भी दलित समुदाय से आते हैं और उनके राष्ट्रपति बनने के बाद क्या मैला ढोने की प्रथा खत्म हुई, क्या छुआछूत खत्म हुआ, क्या उन्होंने इसे खत्म करने का कोई प्रयास किया, बिल्कुल नहीं। उन्होंने कहा कि जब वह राष्ट्रपति थे उस दौरान हजारों-लाखों दलित के ऊपर उत्पीड़न, अत्याचार, अन्याय, खून, बलात्कार, उनके घर जलाना और उनके जमीन पर कब्जा करना ये सब चालू रहा। उन्होंने कहा कि आप केवल दलित और आदिवासी हो इस कारण से आप दलित और आदिवासी का भला करेंगे ये बात गलत है। इसलिए मैं यशवंत सिंह सिन्हा को सपोर्ट करता हूं।”

उन्होंने कहा कि “आदिवासी समुदाय के लोग मेरे भाई हैं।उनके लिए मेरे दिल में बहुत प्यार है बावजूद उसके क्योंकि ये मुद्दा पहचान का नहीं विचारधारा का है। उन्होंने कहा कि इस वक्त विचारधारा ये है कि हर कीमत पर हमारा देश का लोकतंत्र और संविधान बचना चाहिए।”