प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में, इमरजेंसी को लेकर नौजवानों से किए सवाल

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (26/06/2022): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान इमरजेंसी को लेकर आज की पीढ़ी के नौजवानों से कई सवाल किए । साथ ही उन्होंने जून 1975 में लगाए गए इमरजेंसी के बारे में बताए। उन्होंने कहा कि उस दौरान भारतीयों से सभी अधिकार छीन लिए गए थे और भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। तब भी लोगों का लोकतंत्र से विश्वास कम नहीं हुआ है और लोगों में सदियों से लोकतंत्र की जो भावना रग-रग में है अंत में जीत उसी की हुई।

उन्होंने कहा कि “मैं आज की पीढ़ी के नौजवानों से एक सवाल पूछना चाहता हूं और मेरा सवाल बहुत गंभीर है। क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तब एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था। ये वर्षों पहले 1975 में जून की बात है जब इमरजेंसी लगाई गई थी। उसमें भारतीयों से सभी अधिकार छीन लिए गए थे। उसमें से एक अधिकर संविधान के आर्टिकल 21 के तहत सभी भारतीयों को मिला ‘RIGHT TO LIFE AND PERSONAL LIBERTY’ भी था। उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था।

उन्होंने कहा कि देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस आदि सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था। कई कोशिशों, हजारों गिरफ़्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी लोगों का लोकतंत्र से विश्वास कम नहीं हुआ। लोगों में सदियों से लोकतंत्र की जो भावना रग-रग में है अंत में जीत उसी की हुई। भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही इमरजेंसी को हटाकर वापस लोकतंत्र की स्थापना की। उन्होंने कहा कि तानाशाही की मानसिकता को, तानाशाही वृति-प्रवृत्ति को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है।