टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (14/06/2022): केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में सोमवार को राज भाषा से जुड़े त्रैमासिक बैठक की गयी । कुलपति प्रो वरखेड़ी ने विश्वविद्यालय में राज भाषा के नियम के अनुपालन में कार्यालय से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा की और यह भी बताया कि इस विश्वविद्यालय के गैर हिंदी प्रदेश क्षेत्र – श्रृंगेरी या अगरतला आदि प्रदेशों में इसके अनुपालन को लेकर भी जानकारी ली और बताया कि अगरतला जैसे क्षेत्रों में इस विश्वविद्यालय का परिसर संतोष जनक कार्य कर रहा है ।
साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को इस नियम के अनुसार नियुक्ति के लिए समय पर विज्ञापन निकाल कर इस दिशा में समुचित कार्यवाही भी करनी चाहिए ।
कुलपति प्रो वरखेड़ी ने यह भी कहा कि हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए यह भी आवश्यक है कि कार्यालय स्तर पर हिन्दी में प्रशंसनीय कार्य करने वाले के लिए हिन्दी दिवस पर विशेष पुरस्कार योजना बनाने की जरुरत है । उनका यह भी मानना था कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के परिसर देश के अनेक राज्यों में अवस्थित हैं ।अतः अपने विश्वविद्यालय में राज भाषा को समुचित ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक है कि इसके लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर समिति बनायी जाय ।
विश्वविद्यालय के अरुण कुमार विद्यार्थी, परामर्श दाता, राज भाषा ने पिछले बैठक की रिपोर्ट तथा उसके कार्यालय स्तर प्रगति पर प्रकाश डाला तथा डा देवानन्द शुक्ल, प्रभारी राज भाषा ने भी अपने विचार रखे।
इनके अलावा इस नव गठित राज भाषा समिति के अन्य सदस्यों के अतिरिक्त, प्रो बनमाली बिस्वाल, डायरेक्टर एकेडमिक अफ्यर्स, मधुकेश्वर भट्ट, प्रभारी वित्त विभाग, डा रत्न मोहन झा, निदेशक, मुक्त स्वाध्याय केन्द्र, रोहतास सिंह, परीक्षा उपनियंत्रक, जितेन्द्र कुमार तथा सहायक निदेशक, शोध एवं प्रकाशन आदि अनेक अधिकारी भी उपस्थित रहें ।