टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (12 जून 2022): आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान के साथ हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ ‘शिक्षा संवाद’ किया। इस दौरान ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की तरह आप भी हिमाचल में बटन बदल कर अपने बच्चों का भविष्य बदल दो। आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथ में है। कांग्रेस ने 30 साल और भाजपा ने 20 साल हिमाचल में राज किया। दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही मौका है। अगर आपको अपने बच्चों के भविष्य को बचाना है, तो इस बार आपको सरकार बदलनी पड़ेगी। अभी तक तो आपके पास मौका नहीं था, लेकिन इस बार मौका है। मैंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों की जिंदगी बना दी। अब हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 8.5 लाख बच्चों की जिंदगी बनानी है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हमने 5 साल में दिल्ली के स्कूल ठीक कर दिए, तो क्या 30 साल में कांग्रेस और 20 साल में भाजपा के लोग हिमाचल के स्कूल ठीक नहीं कर सकते थे? अब फिर ये आकर कहेंगे कि एक और मौका दे दो। हम तो कह रहे हैं कि हमें बस एक ही मौका दे दो। दोबारा मत देना।
हिमाचल के दो हजार स्कूलों में एक ही शिक्षक है, जबकि 722 स्कूलों में एक ही कमरा है, इन लोगों ने शिक्षा का मजाक बना रखा है – अरविंद केजरीवाल
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ आज ‘शिक्षा संवाद’ करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नवंबर में हिमाचल प्रदेश का चुनाव है। यह चुनावी दौरा है। इस चुनावी दौरे के बीच में मैं आपके साथ शिक्षा पर बात करने आया हूं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप लोग हिमाचल में इतने दिनों से रह रहे हो। क्या बीजेपी और कांग्रेस चुनाव के दौरान कभी आपसे शिक्षा पर बात करने के लिए आई। किसी पार्टी ने आकर कहा कि हमें आप वोट दे दो, हम स्कूल ठीक कर देंगे। किसी पार्टी ने आकर कहा कि हम आपके बच्चों को शिक्षा दे देंगे। लोगों के लिए शिक्षा मुद्दा ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश में 14 लाख बच्चे स्कूल जाते हैं और इन 14 लाख बच्चों में से 8.50 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं और 5.50 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते हैं। करीब 70-80 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। इसका मतलब कि हिमाचल प्रदेश में काफी गरीबी है। हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत काफी खराब है। आदमी के पास दो पैसे आ जाते हैं, तो वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना चाहता है। हर मां-बाप यह चाहते हैं कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। एक रिक्शे वाला और मजदूर भी चाहता है कि मेरे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। मजबूरी में आदमी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजता है। आज हिमाचल प्रदेश की जो सरकारी शिक्षा व्यवस्था है, इससे इन 8.50 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में है। हिमाचल में 2000 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक ही शिक्षक है। स्कूल आठवीं और पांचवी तक है और उनमें एक ही टीचर है। वह एक शिक्षक पांच क्लासेज और आठ क्लास को कैसे पढ़ाएगा। वो पढ़ा ही नहीं सकता। इसलिए इन स्कूलों में पढ़ाई होती ही नहीं है। इसलिए इन बच्चों को कुछ भी नहीं आता है। इन बच्चों का क्या कसूर है? यह भी तो अपने भारत के ही बच्चे हैं, इनको कौन शिक्षा देगा। कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है। 722 स्कूल ऐसे हैं जिसमें एक कमरा है। उसी कमरे में पहली दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास लगती हैं। कई जगह तो आठवीं तक की क्लास भी एक ही कमरे में लगती है। यह कैसे हो सकता है। इन लोगों ने मजाक बना रखा है। हिमाचल प्रदेश के 12वीं क्लास के नतीजे 2019 में 62 फीसद और 2020 में 76 फीसद आए थे। हिमाचल के 55 सरकारी स्कूल ऐसे थे, जिनमें एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। यह मैंने इंटरनेट पर देखा है। अभी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में किसी ने पीआईएल दाखिल कर कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी के अंदर एक सरकारी स्कूल को तोड़कर वहां पर मॉल बना रही है। यह हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था है।
हमें राजनीति करनी नहीं आती है, हमें काम करने आता है, हम देश के लिए समर्पित हैं- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर कांग्रेस ने 30 साल राज किया और भारतीय जनता पार्टी ने 20 साल राज किया। शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। अब आपकी मर्जी है कि 5 साल और इनको दे दो। आपके बच्चों के 5 साल और खराब हो जाएंगे। अगर आज आपका बच्चा आठवीं क्लास में पढ़ रहा है और आज आपने गलती करके कांग्रेस और बीजेपी को वोट दे दिया, तो आपका बच्चा अगले चुनाव तक 12वीं क्लास पास कर जाएगा। फिर मौका नहीं बचेगा। मौका यही है कि अगर आपको अपने बच्चों के भविष्य को बचाना है, तो इसी बार आपको सरकार बदलनी पड़ेगी। आपका बच्चा आठवीं क्लास में पढ़ रहा है, वह 12वीं पास कर गया तो उसका भविष्य तो गया। उसका भविष्य कौन ठीक करेगा और उसका जिम्मेदार कौन होगा? मां-बाप ही जिम्मेदार होंगे, क्योंकि मां-बाप ने ही उनको वोट दिया। अभी तक तो हमारे पास मौका नहीं था। इस बार तो मौका है। इस बार तो अपने बच्चों के भविष्य को बचा लो। हम लोगों को राजनीति करनी नहीं आती है, हमें काम करने आता है। देश के लिए हम समर्पित हैं। देश के लिए हमारी जान भी हाजिर है। सुबह से शाम तक केवल हम यही सोचते हैं। पिछले 7 साल से दिल्ली में मैं काम कर रहा हूं और पिछले 3 महीने में आपने सरदार भगवंत मान साहब की झलकियां देख ली कि रोज सुबह एक घोषणा जाती है और शाम को एक आ जाती है। पंजाब में इतना काम हो रहा है।
दिल्ली सरकार अपना 25 फीसद बजट शिक्षा पर खर्च कर रही है और पिछले 7 साल में हम 80 से 85 हजार करोड रुपए सरकारी स्कूलों पर खर्च कर चुके हैं-अरविंद केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2015 में जब दिल्ली के अंदर हमारी सरकार बनी थी, तब दिल्ली के सरकारी स्कूलों का भी यही हाल था, जो आज हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों का हाल है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टॉयलेट के नाम पर कुछ भी नहीं था। अगर एक बच्ची स्कूल आ जाए और उसे बाथरूम जाना पड़े, तो उसे वापस अपने घर जाना पड़ता था। इतना बुरा हाल था। पानी का इंतजाम नहीं था, दीवारों पर जाले लगे पड़े थे, दीवारें टूटी पड़ी थी। छत चू रही थी, डेस्क नहीं थे, बच्चे टाट पर बैठते थे और कोई सुरक्षा नहीं थी। सरकारी स्कूलों के नतीजों का तो पूछो ही नहीं। शिक्षक भी घंटे भर के अंदर घर चले जाते थे। जैसे हिमाचल प्रदेश के अंदर है, अगर किसी के पास तो पैसे आ जाएं तो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में भेजना चाहता है, वही हाल दिल्ली के अंदर भी था। राजनीति में आने के पहले मैं एनजीओ में काम करता था। समाज सेवा का काम करता था। दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में काम किया करता था। उन झुग्गी बस्तियों के अंदर मैं देखता था कि एक रिक्शावाला और मजदूर भी कोशिश करता था कि एक टाइम का रोटी कम खा लेंगे, लेकिन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेज देते हैं। कोई भी सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को नहीं भेजना चाहता था। हमने एक सपना देखा था।
हमें तय किया कि कुछ भी हो, सरकारी स्कूल हमें ठीक करने हैं। दिल में एक सपना तो था, लेकिन यह भी था कि होगा कैसे, कर पाएंगे क्या? तो हमने सरकार में आते ही तय कर लिया कि दिल्ली सरकार का 25 फीसद बजट शिक्षा पर खर्च होगा और आज तक चला रहा है। लगभग हर साल 10 हजार करोड़ से 15 हजार करोड़ रुपए हम शिक्षा पर खर्च करते हैं। पिछले 7 साल में हम 80 से 85 हजार करोड रुपए सरकारी स्कूलों पर खर्च कर चुके हैं। यह पैसा किसी नेता या अफसर की जेब में नहीं गया, स्कूलों पर खर्च हुआ है। आज मुझे कहते हुए गर्व है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल इतने सरदार हो गए हैं। हमने सारी बिल्डिंग तोड़-तोड़ कर शानदार नई बिल्डिंग बनाई है। सरकारी स्कूलों के अंदर स्विमिंग पूल और लिफ्ट हैं। स्कूल बनाना तो आसान था, लेकिन नतीजे लाने बड़ा मुश्किल है। 2019 में हिमाचल प्रदेश 12वीं क्लास के 62 फीसद नतीजे आए थे, जबकि दिल्ली में सरकारी स्कूलों के 12वीं के नतीजे 99.7 फीसद आए हैं। आपने कभी भारत के इतिहास में सुना था। 1947 के बाद आज तक मुझे नहीं लगता कि किसी भी सरकार के समय में सरकारी स्कूलों के नतीजे 99.7 फीसद आए हैं। हिमाचल के अंदर भी किसी के पास दो पैसे होते हैं, तो वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भर्ती कराना चाहता है। दिल्ली के अंदर अब हवा उल्टी बहने लग गई है। दिल्ली के अंदर 4 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से अपने नाम कटवा कर सरकारी स्कूल में भर्ती करवाया है। यह चमत्कार से कम नहीं है। कई अमीर लोग अपने बच्चों के बड़े-बड़े स्कूलों से नाम कटवा रहे हैं।
दिल्ली सरकार के स्कूलों से हर साल डेढ़ लाख बच्चे 12वीं पास करते हैं, पहले इनका भविष्य अंधकार में था- अरविंद केजरीवाल
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के सीएम सरदार भगवंत मान ने अपने मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव समेत अफसरों की फौज लेकर दिल्ली आए। हमने इन्हें दिल्ली सरकार के स्कूल घुमाए। इनका एक अफसर बच्चों से पूछा कि आप में से प्राइवेट स्कूल छोड़कर कौन लोग आए हैं? कई बच्चों ने हाथ उठाए कि हमने प्राइवेट स्कूल से नाम कटवा कर आए हैं। एक बच्चे ने बताया सेंट कोलंबस स्कूल से नाम कटवा कर दिल्ली सरकार के सरकार स्कूल में आया हूं। सेंट कोलंबस स्कूल दिल्ली का सबसे बड़ा प्राइवेट स्कूल है। इस में एडमिशन लेना आसान नहीं है। सेंट कोलंबस और डीपीएस जैसे बड़े स्कूलों से लोग अपने बच्चों के नाम कटवा कर सरकारी स्कूलों में नाम लिखवा रहे हैं। मेरे सरकारी स्कूल में 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं, इन 16 लाख बच्चों की मैने जिंदगी बना दी। अब मैं आपसे एक मौका मांगने आया हूं। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 8.5 लाख बच्चों की भी जिंदगी बनानी है। चाबी आप लोगों के हाथ में है।
आप ही कुछ कर सकते हो। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में एडमिशन लेना बहुत मुश्किल है। देश ही नहीं, पूरी दुनिया के अंदर उसका नाम माना जाता है। पहले 100 दुनिया के कॉलेजों में आईआईटी आते हैं। मैं भी आईआईटी से हूं। पिछले दो-तीन साल से 400 से ज्यादा बच्चे हर साल हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे आईआईटी की परीक्षा पास कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के अंदर 55 स्कूल ऐसे हैं जिनमें एक भी बच्चा 12वीं पास नहीं कर रहा है। वही दिल्ली में दिल्ली सरकार के स्कूलों के 400 बच्चे आईआईटी की परीक्षा पास कर रहे हैं। यह बड़ी बात है। हर साल दिल्ली सरकार के स्कूलों से डेढ़ लाख बच्चे 12वीं पास करके निकलते हैं। डेढ़ लाख बच्चों का पहले भविष्य अंधकार में था। अब मैं दावे के साथ कह सकता हूं इनमें से एक भी बच्चा बेरोजगार नहीं रहने वाला है। इस तरह हम इन बच्चों को तैयार कर रहे हैं। इन बच्चों का भविष्य बन गया। हमने अपने सरकारी स्कूल में कई सारे प्रयोग शुरू किए हैं कि जब हमारे बच्चे सरकारी स्कूल से निकलें, तो वो एक अच्छा इंसान बने, अच्छा नागरिक बने और अपना पेट पालने लायक बने। यह नहीं कि बीए, बीकॉम, एलएलबी कर लिया और नौकरी नहीं मिली। अंग्रेजों ने यह व्यवस्था बनाई थी। अंग्रेजों ने सारे देश को क्लर्क बना दिया। सारे क्लर्क बनने की नौकरी ढूंढ रहे हैं। हमारे देश के अंदर इतनी प्रतिभा है और शक्ति है। हमने एक प्रयोग शुरू किया कि 11वीं और 12वीं क्लास के हर बच्चे को सरकारी तरफ से 2-2 हजार रुपए दे दिए और कहा कि इससे बिजनेस करो। अपनी टीम बना लो। मान लीजिए कि 4 बच्चों ने टीम बना ली तो दो-दो हजार मिलाकर उनका 8 हजार रुपए हुए। 8 बच्चों ने टीम बना ली, तो उनके 16 हजार रुपए हो गए। अब उसी पैसे से बिजनेस शुरू करो। हमारे पास 52 हजार बिजनेस आइडिया आए हैं। हमने एक बिजनेस प्लास्टर्स प्रोग्राम किया, उसमें देश के कई अमीर लोगों को बुलाया। वहां पर सरकारी स्कूल के बच्चों ने अपने आइडिया प्रस्तुत किए। सरकारी स्कूलों के 11वीं 12वीं की हमारे बच्चे देश के सबसे अमीर लोगों के सामने प्रेजेंटेशन कर रहे हैं कि मैं बिजनेस करना चाहता हूं, आप मेरे को पैसे दो। कई बच्चों को इन्वेस्टमेंट भी मिला। अब यह सारे बच्चे भारत मां का नाम रौशन करने आगे बढ़ने के लिए तैयार हो रहे हैं। हमें हिमाचल प्रदेश के बच्चों को तैयार करना है या नहीं, इसकी चाबी आप लोगों के हाथ में है।
हमारी पार्टी ईमानदार है, न तो हमारे किसी मंत्री का स्कूल है और न हमारी पार्टी किसी प्राइवेट स्कूल वालों से चंदा लेती है- अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की तरह दिल्ली में भी प्राइवेट स्कूल वालों ने लूट मचा रखी थी। सरकारी स्कूलों का बुरा हाल है। हर मां बाप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है। हर मां बाप अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजता है और प्राइवेट स्कूलों को पता है कि इनसे जो मर्जी ले लो। मां बाप की तो चलती नहीं है। वे कर ही क्या लेंगे। कोई मां-बाप थोड़ी सी भी आवाज उठाता है, तो धमकी देते हैं कि तुम्हारे बच्चे को निकाल देंगे। आजकल प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन कराना भी आसान नहीं है। सरकार के आधे मंत्रियों के तो अपने ही प्राइवेट स्कूल होते हैं। बड़े-बड़े जितने भी स्कूल हैं, वे सारे नेताओं के हैं या ये सारे नेताओं के साथ सांठगांठ करते हैं और पार्टी को चंदा देते हैं। हमारी पार्टी ईमानदार है। न तो हमारे किसी मंत्री का स्कूल है और न हमारी पार्टी किसी प्राइवेट स्कूल वालों से चंदा लेती है। हमने दिल्ली में आने के बाद प्रतिबंधित कर दिया कि कोई भी प्राइवेट स्कूल वाला फीस नहीं बनाएगा। हमने दिल्ली के सारे प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट करा दिया। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि दिल्ली के कई बड़े-बड़े स्कूल से निकले, जिन्होंने 40-50 करोड़ रुपए की एफडी बना रखी है। एफडी बनाने के लिए स्कूल चला रहे हो। भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि हमने एफडी तोड़वाई और पिछले 5 साल में जितनपे बच्चे पढ़े हैं, उनकी फीस वापस करवाई। सात साल हो गए, हमने फीस नहीं बढ़ने दी। अभी पंजाब के अंदर मान साहब ने सरकार संभाली है। अप्रैल के पहले हफ्ते में स्कूल वाले फीस बढ़ाते हैं। इन्होंने ऑर्डर जारी कर दिए कि कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ाएगा। प्राइवेट स्कूल यह भी कहते हैं कि यूनिफार्म और किताबें स्कूल से लेनी है। मान साहब ने आदेश कर दिए कि कोई भी जहां से मर्जी हो वहां से यूनिफॉर्म ले सकता है। कुछ स्कूलों ने इनके आदेश की अनदेखी करके फीस बढ़ा दी। आज फिर इन्होंने ऑर्डर जारी कर दिया और फीस कम करा दिया।
सरकार ईमानदार और जनता के प्रति जवाबदेह चाहिए, अगर इमानदार सरकार आएगी, तो मजाल है कि कोई जनता को लूट लेगा- अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ईमानदार चाहिए। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह चाहिए। अगर इमानदार सरकार आएगी, तो मजाल कोई जनता को लूट लेगा। दिल्ली के लोगों ने अपने बच्चों का भविष्य केवल एक वोट से बदल दिया। 2015 में दिल्ली के लोगों ने केवल एक वोट दिया था, आज दिल्ली के लोगों के बच्चों का भविष्य बदल गया है। अब दिल्ली में कांग्रेस की तो जीरो सीट आ रही है। बीजेपी वालों के पहले तीन आई और इस बार 8 सीट आई है। आम आदमी पार्टी को जनता इतना प्यार करती है। बटन बदल कर आप भी अपने बच्चों का भविष्य बदल सकते हो। बटन बदल दो। आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथ में है। मैं अपने लिए नहीं आया हूं। मेरे को कोई इच्छा नहीं है। मैं इनकम टैक्स में पहले कमिश्नर की नौकरी किया करता था। उसको छोड़ कर मैं दिल्ली की झुग्गियों के अंदर काम करने लगा। उसके बाद मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री बन गया और 49 दिन के अंदर कुर्सी छोड़ दी। मेरे ख्याल से दुनिया के इतिहास में पहला एक मूर्ख मुख्यमंत्री मैं ही हूंगा, जिसने 49 दिन के अंदर कुर्सी छोड़ दी। हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं। जाति-धर्म के नाम पर, पैसे बांट कर, दारू पिलाकर एन-केन-प्रकारेण सत्ता ले लो। ये सब हम नहीं करते हैं। हमारे दिल के अंदर देश धड़कता है। हम देश के लिए काम करते हैं। हमें तकलीफ होती है। अगर हमने 5 साल में दिल्ली के स्कूल ठीक कर दिए, ये कांग्रेस वालों ने हिमाचल प्रदेश के अंदर 30 साल राज किया, ये नहीं कर सकते थे। बीजेपी ने 20 साल राज किया, ये नहीं कर सकते थे। अब ये आकर कहेंगे कि एक और मौका दे दो। हम आपसे एक और मौका नहीं मांगेंगे। हम तो कह रहे हैं कि हमें बस एक ही मौका दे दो। दोबारा मत देना।
इनकी नियत खराब है, इसलिए इनकी सरकार में पेपर लीक होते हैं, हमारी नियत साफ है, इसलिए हमारे पेपर लीक नहीं होते हैं- अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी कुछ लोग बता रहे थे कि यहां पेपर बहुत लीक होते हैं। कुछ तो गड़बड़ है। मैं हरियाणा गया था, वहां भी भाजपाकी सरकार है, वहां भी पेपर लीक होते हैं। गुजरात गया, वहां पर भी बीजेपी की सरकार हैं, वहां पर भी सारे पेपर लीक होते हैं, लेकिन दिल्ली में नहीं होते हैं। क्या चक्कर है? यह पता नहीं लीक होते हैं या ये लोग लीक करवाते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि भाजपा वालों का नाम सबसे ज्यादा पेपर लीक करवाने वाली पार्टी में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में आ रहा है। इनकी नियत खराब है। हमारी नियत साफ है, हमारे पेपर लीक नहीं होते हैं, इनके सबके पेपर लीक होते हैं। मैं आप को अच्छी शिक्षा दूंगा। आपके बच्चों को रोजगार दूंगा। इस बात पर वोट मांगने के लिए आया हूं। आज मैं सारी पार्टियों को चुनौती देता हूं कि हिम्मत है तो तुम शिक्षा के नाम पर वोट मांग कर दिखाओ। हिम्मत है तो तुम रोजगार के नाम पर वोट मांग कर दिखा दो। मैं शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर वोट मांगने के लिए आया हूं। मेरे को राजनीति करने नहीं आती है। आपको गंदी राजनीति, भ्रष्टाचार, दंगे और गुंडागर्दी चाहिए, उनके पास चले जाना, अगर आपको अपने बच्चों का भविष्य बनाना है तो मेरे पास आ जाना। मैं आपको गारंटी देता हूं कि एक-एक बच्चों का भविष्य बना दूंगा। आप लोगों ने इतना मौका भाजपा व कांग्रेस को दिया। 30 साल कांग्रेस को और 20 साल बीजेपी को दिए, एक मौका हमें भी देकर देख लो। हम इतने बुरे नहीं है।
दिल्ली और पंजाब में जो हो रहा है, हिमाचल उसकी उम्मीद कर रहा है- भगवंत मान
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में जो हो रहा है, हिमाचल उसकी उम्मीद कर रहा है। जो दिल्ली में हुआ, उसका असर पंजाब पर हुआ, अब दिल्ली और पंजाब में जो होगा, उसका असर पूरे देश पर होगा। आप हर रोज अखबारों में पढ़ते होंगे कि पंजाब के लोग सुबह दोपहर और शाम को इंतजार करते रहते हैं कि अब सरकार का कौन सा फैसला आएगा, जो हमारे पक्ष में होगा। हम 75 साल लेट हो चुके हैं। अंग्रेजों ने हमें 200 साल इकट्ठे गुलामी दी और बीजेपी व कांग्रेस वालों ने हमें पांच 5-5 साल की गुलामी किस्तों में दी। बस यही फर्क है। हिमाचल की जनता के पास अभी तक कोई रास्ता नहीं है। जनता का कोई कसूर नहीं है। पहले से तंग आकर दूसरे के पास और दूसरे से, पहले से ज्यादा तंग आकर फिर पहले के पास जाते हैं। ऐसे ही पंजाब में भी था। इस बार पंजाब के लोगों ने कहा तुम सब लोग जाओ, हमें कुछ नया करने दो। आपको हैरानी होगी कि 34-35 साल के उम्र के हमारे कई एमएलए हैं। जिसने मुख्यमंत्री चन्नी को हराया, वो मोबाइल रिपेयर शॉप में काम करता था। आज भी उसकी मां सरकारी स्कूल में सफाई कर्मचारी है। मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। न तो मेरा भाई और न मेरा चाचा राजनीति में था। यह मौका आम आम आदमी पार्टी ही दे सकती है और कोई पार्टी नहीं दे सकती।