टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (01/06/2022): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल को इस बात का डर है कि कही सत्येन्द्र जैन उनके भी काले चिट्ठे ना खोल दें। उन्होंने कहा कि हवाला कारोबारी सत्येन्द्र जैन को बचाना सिर्फ एक बहाना है असल में फर्जीवाल को खुद का चेहरा बचाना है। दरअसल कल यानी मंगलवार को उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के बाहर सत्येन्द्र जैन को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी की जांच से स्पष्ट है कि सत्येन्द्र जैन भ्रष्टाचार में लिप्त है और केजरीवाल उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। अगर केजरीवाल इतने ही कट्टर ईमानदार हैं वे तुरंत सत्येन्द्र जैन को पार्टी से बर्खास्त करें।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के मंत्री राशन कार्ड के नाम पर महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करते हैं, अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते हैं, फर्जी डिग्री रखने के आरोप सिद्ध होते हैं। ये सारे कारनामें आम आदमी पार्टी की सात सालों की कहानी बखूबी बयां करती है। इतना सब कुछ होने के बाद भी घड़ियाली आसू बहाते हुए केजरीवाल कट्टरवादी ईमानदारी की बातें कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कट्टर ईमानदार मुख्यमंत्री के कट्टर दोस्त सत्येन्द्र जैन हैं जिनके खिलाफ पिछले आठ सालों से जांच चल रही थी। अभी पांच करोड़ संपति कुर्क की गई थी और 16.39 करोड़ की बेनामी संपति की पहचान कर ली गई है। दिल्ली की जनता को कोई राहत मिले, उसमें केजरीवाल सरकार को कोई रुचि नहीं है।
उन्होंने केजरीवाल के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल कह रहे हैं कि हिमाचल का प्रभारी बनाया गया है इसलिए सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार करवाया गया है। जबकि यह जांच तो पिछले सात सालों से चल रही थी फिर राजनीति कहां से आ गई। केजरीवाल किसी को अपना मंत्री, विधायक बनाकर उसे भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस दे देते हैं। केजरीवाल को इस बात का डर लग रहा है कि कही सत्येन्द्र जैन उनके काले चिट्ठे भी ना खोल दें। उन्होंने कहा कि देश में लालू-चौटाला के बाद केजरीवाल का नंबर है क्योंकि हवाला कारोबारी सत्येन्द्र जैन को बचाना सिर्फ एक बहाना है असल में फर्जीवाल को खुद का चेहरा बचाना है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनका हर विभाग इस वक्त भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त है। डीटीसी बस घोटाला का केस सीबीआई में है, ड्यूसीब में 200 करोड़ से ज्यादा का घोटाला सीबीआई में है, जलबोर्ड में 57 हज़ार करोड़ का घोटाले का हिसाब सीएजी को नहीं दिया। पीडब्ल्यूडी, स्लम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग जिसके अंदर कमरे बनाए गए, उसमें भी घोटाले किए गए हैं, उनकी भी जांच होने वाली है।