आप नेता ने एमसीडी के कमिश्नर अश्वनी कुमार को लिखा पत्र, कहा- दिल्ली में बढ़ सकता है हाउस टैक्स

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (31/05/2022): आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने हाउस टैक्स को लेकर एमसीडी के कमिश्नर अश्वनी कुमार को पत्र लिखा है। दरअसल आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि एमसीडी अपनी इनकम बढ़ाने के लिए एक नए तरह के हाउस टैक्स लगा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 27.50 लाख रजिस्टर्ड घर है यदि हाउस टैक्स को सही से ढंग से कलेक्ट किया जाए तो हाउस टैक्स बढ़ाने की जरूरत नहीं है। साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी शासित एमसीडी पर निशाना साधते हुए कहा कि हर साल लगभग ₹3000 करोड़ BJP के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं।

उन्होंने कहा कि एमसीडी अपनी इनकम बढ़ाने के लिए एक नए तरह के संपत्ति कर लगा सकता है। मतलब हाउस टैक्स में बढ़ोतरी हो सकता है‌। मैंने एमसीडी के कमिश्नर अश्वनी कुमार को पत्र लिखा हूं। तीनों एमसीडी के पास लगभग 27.50 लाख से ऊपर दिल्ली के अंदर रजिस्टर्ड हाउस हैं जहां से वे हाउस टैक्स कलेक्ट करते हैं अगर ये सारा हाउस टैक्स ठीक ढंग से कलेक्ट किया जाए तो एमसीडी का रेवेन्यू लगभग 4700 करोड़ हो सकता है। उन्होंने कहा कि जबकि एमसीडी 4700 करोड़ हाउस टैक्स वसूल करने के बजाय सिर्फ 1750 करोड़ ही कर पाती है।

उन्होंने कहा कि बहुत बड़ा गैप है यदि इस गैप को ही भर दिया जाए तो नया हाउस टैक्स बढ़ाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग कोरोना के समय से ही बहुत परेशान हैं, लोगों के व्यवसाय थप हुए हैं और लोगों की कमाई कम हुई है। ऐसे में हाउस टैक्स बढ़ाने से सिर्फ और सिर्फ उनके ऊपर मार पड़ेगी। इसे लेकर मैंने पत्र लिखा हूं। उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि लगभग 3000 करोड़ पैसा हर साल भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाता है। अगर एमसीडी सही तरीके अपनाए, अगर एमसीडी का कलेक्शन सिस्टम थीक हो और पूरा प्रक्रिया को थीक किया जाए तो इससे एमसीडी का सारा पैसा उनके पास आ सकता है।

उन्होंने आखिर में कहा कि मैं अश्वनी जी से समय मांगा हूं। अगर वो हमारे टीम को समय देते है तो वे सारे चीजें उनके पास बैठकर चर्चा करेंगे कि किस तरह से वो सारा पैसा कलेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई मेहनत करने की जरूरत नहीं है उन्होंने पहले ही घर आईडेंटिफाई किए हुए है‌। उन्होंने कहा कि अननेसेसरी दिल्ली की जनता के ऊपर हाउस टैक्स बढ़ाकर एक अननेसेसरी बोझ ना डाला जाए।