टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (23/05/22): उत्तर प्रदेश की राजनीति से शुरू हुई नाम बदलने की परंपरा अब धीरे-धीरे हिंदुस्तान में तूल पकड़ता जा रहा है। कभी सड़कों के नाम बदले जा रहे हैं कभी गांव के नाम बदले जा रहे हैं कभी शहरों के नाम बदले जा रहे हैं तो कभी सरकारी योजनाओं के नाम बदले जा रहे हैं। बादशाह अच्छे थे या बुरे थे इसका पैमाना धर्म और जाति के आधार पर लगाया जा रहा है।
हनुमान चालीसा को लेकर इन दिनों पूरे देश में एक अलग किस्म का माहौल बना हुआ है। इसी कड़ी में महाराणा प्रताप सेना के तरफ से 30 मई को ताज महल के अंदर शिव चालीसा पढ़ने की घोषणा की गई है। इस मुद्दे पर महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने टेन न्यूज से बातचीत करते हुए कहा की हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है और हिंदू धर्म को महत्त्व मिलना चाहिए मुगलों के नाम पर कोई भी महलों कस्बों शहरों एवं सड़कों के नाम नहीं होने चाहिए।
राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि जिस तरीके से मस्जिद में मुस्लिम समुदाय नमाज पढ़ते हैं तो हम ताजमहल में शिव चालीसा का पाठ करेंगे। राजवर्धन सिंह परमार ने कहा कि मस्जिद में नमाज जिस तरीके से मुसलमान समाज पढ़ते हैं हम अपने समर्थकों के साथ ताजमहल के अंदर शिव चालीसा का पाठ करेंगे क्योंकि वह ताजमहल नहीं तेजो महालय है।
महाराणा प्रताप सेना का कहना है कि ताजमहल हिंदू समुदाय से जुड़ा एक प्राचीन स्थल है। इसीलिए वहां पर हम शिव चालीसा का पाठ करेंगे। राजवर्धन परमार का कहना है कि हम यूपी सरकार एवं भारत सरकार को चुनौती देते हैं कि अगर जल्द से जल्द हमारी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में हम व्यापक रूप में पूरे देश के अंदर एक आंदोलन छेड़ेंगे।
महाराणा प्रताप सेना का कहना है कि हम उत्तर प्रदेश की सरकार को चुनौती देते हैं कि बड़ी संख्या में हमारे समर्थक ताजमहल के अंदर जाकर शिव चालीसा का पाठ करेंगे और अगर सरकार हमें रोकती है तो इसका अंजाम हम आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में दिखाएंगे।
इससे पहले महाराणा प्रताप सेना दिल्ली के अकबर रोड का नाम बदलने को लेकर आंदोलन छेड़ चुकी है और इनके कार्यकर्ता कुछ दिन पहले अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप मार्ग करने को लेकर सड़क पर उतरे थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें डिटेन कर लिया था। इसके बाद वह लगातार एनडीएमसी एवं दिल्ली सरकार को पत्र लिख रहे हैं। जल्द से जल्द महाराणा प्रताप के नाम पर अकबर रोड का नाम रखा जाए।