टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (20 मई 2022): उत्तरप्रदेश के ज्ञानवापी में उपजे विवाद के बाद अब मथुरा में कृष्णजन्म भूमि और ईदगाह विवाद को लेकर दायर किए मुकदमों को अदालत से अनुमति मिल गई है। इस बाबत एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कई कारणों को रखते हुए यह दावा किया है कि मस्जिद को लेकर हुए समझौते के बाद उसे छूना मुश्किल है।
12 अक्टूबर 1968 को श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच हुए समझौते का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि समझौते में सबसे पहला पॉइंट यह था कि ईदगाह की कच्ची कुर्सी की उत्तरी और दक्षिणी दीवारों को पूर्व की ओर जाएंगे और इसका खर्च मस्जिद ट्रस्ट द्वारा वहन करेगा। दूसरा, उत्तरी और दक्षिणी दीवारों के बाहर जो एरिया मुस्लिमों के पास है, वो उसे खाली कराएंगे और उसे जन्मस्थान सेवा संघ को देंगे।
आगे की बातचीत में ओवैसी ने कहा कि समझौते के मुताबिक उत्तरी और दक्षिणी दीवारों की सेवा संघ की भूमि पर किसी तरह का क्लेम नहीं होगा। ओवैसी ने कहा कि ईदगाह कच्ची कुर्सी के पश्चिम- उतरी कोने में भूमि के एक हिस्से पर सेवा संघ का कब्जा है, ट्रस्ट कच्ची कुर्सी का अधिग्रहण करेगा और यह ट्रस्ट की संपति बन जाएगा।
समझौते के अगला प्वॉइंट का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी दीवारों से मुस्लिम घोषियों द्वारा बनाए गए घरों को ट्रस्ट खाली करवा कर सेवा संघ को सौंपेगा।निकासी का काम पूरा होने के बाद ही ट्रस्ट दीवारों के निर्माण का हकदार होगा। इसके साथ ही ईदगाह ट्रस्ट अपने दरवाजे ,खिड़कियां, पिंजर आदि सेवा संघ की तरफ नहीं खोलेगा।।