सेवा एवं बलिदान को मिला सम्मान, कोरोना मार्टियर्स मेमोरियल वॉल’ का हुआ उद्घाटन

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 मई 2022): इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, ईस्ट दिल्ली ब्रांच द्वारा 15 मई को आयोजित कार्यक्रम में‘कोरोना मार्टियर्स मेमोरियल वॉल’ का उद्घाटन किया। आईएमए ईस्ट दिल्ली ब्रांच के सदस्य जो कोरोना काल में अपने जीवन की परवाह किये बगैर दिन-रात सेवाएं देते हुए मृत्यु को प्राप्त हुए उनकी स्मृति में यह कोरोना मार्टियर्स मेमोरियल वॉल स्थापित की गयी है।

जिनकी स्मृतियों में यह वॉल स्थापित की गयी है, वे सब आईएमए ईस्ट दिल्ली ब्रांच के प्रमुख सदस्य थे। वे मानवता से ओत-प्रोत थे। चिकित्सा सेवा उनके लिए ईश्वर की आराधना थी। यहां आने वाले चिकित्सकों को इस वॉल से अक्षय प्रेरणा मिलेगी तथा वे अपने कार्य को और भी समर्पण, निष्ठा एवं ईमानदारी से करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष ने टेन न्यूज से बातचीत के दौरान कहा कि “ईस्ट दिल्ली ब्रांच में जाने पर इससे जुड़ी मेरी पुरानी स्मृतियां पुनः जीवित हो गयीं। वर्ष 1987 में इसके सचिव तथा 1988 में इसके अध्यक्ष के रूप में सेवा करने का मुझे अवसर मिला। उसके बाद सर्वसम्मति से 1989 में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन का सचिव बनाया गया तथा 1993 में मुझे दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन का अध्यक्ष (इलेक्ट) चुना गया। इसके माध्यम से पूरी दिल्ली में चिकित्सकों एवं दिल्ली की जनता की सेवा करने का मुझे सौभाग्य मिला।”

ईस्ट दिल्ली ब्रांच के सदस्य जिनकी कोरोना के दौरान मृत्यु हुई, इस कार्यक्रम में उनके पति/पत्नी अथवा उनके बच्चों को कोरोना मॉर्टियर्स आनर्स से सम्मानित किया गया। अपने जीवन की आहुति देने वाले चिकित्सक हैं-डॉ. राजेन्द्र तलवार, डा. असीम गुप्ता, डा. एच.एल. गुप्ता, डा. अनिल कुमार वाहल, डा. पवन कुमार खेडवाल, डा. प्राप्ति गौतम, डा. विवेक अरोड़ा, डा. योगेन्द्र मित्तल, डा. श्रीबाला जैन, डा. एम.के. सेठ, डा. हरिहरन, डा. रवि कुमार जैन, डा. संजय वधावन, डा. आर. बी. सुमन, डा. अनुभा गर्ग एवं डा. अजय रोहतगी। हालांकि ये सांकेतिक नाम हैं, देश के सैकड़ों चिकित्सक हैं जिन्होंने कोरोना काल में सेवा करते हुए अपने जीवन की आहुति दे दी, अपने परिवार को बेसहारा करके चले गये, उन सभी के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।

कोरोना काल में दिल्ली के विविध अस्पतालों में असााधारण योगदान देने वाले चिकित्सकों में डा. बी.एल. शेरवाल, डा. एस.सी.एल. गुप्ता, डा. शारदा जैन, डा. रवि मलिक, डा. डी.एस. राणा, डा. सुमित्रा रावत, डा. राजेश चावला, डा. सुभाष गिरि, डा. मनोज कुमार, डा. प्रकाश गेरा, श्री पी.एन. अरोड़ा,, डा. मनीषा अग्रवाल, डा. अनंत पाण्डे, डा. जी.एस. ग्रेवाल, डा. प्रेम अग्रवाल, डा. राजेश कुमार, डा. एस.के. नायक, डा. धीरेन गुप्ता, डा. सी.एम. भगत, डा. अजय बेदी, डा. सुनील सिंघल, डा. सतीश मखीजा, डा. राजीव मित्तल, डा. एच आर बवेजा, डा. विजय अरोड़ा, डा. एस.के. गुप्ता, डा. विपिन गुप्ता, डा. पारस, डा. आशुतोष गर्ग, डा. अभिनव भनोट, डा. अमर गौतम, डा. सौरभ कंसल, डा. विकास डोगरा, डा. प्रज्ञा शुक्ला, डा. ममता जाजू, डा. अमित शर्मा, डा. दीप माला, डा. नीरज गुप्ता, डा. हिमांशु सचदेवा, डा. ममता ठाकुर, डा. छवि गुप्ता, डा. ग्लैडबिन त्यागी, डा. प्रशान्त नाग, डा. नरेन सहगल तथा डा. अनिल यादव को कोरोना वॉरियर अवार्ड से मैंने सम्मानित किया।

मैंने कहा कि कोरोना ने देशवासियों को जो असह्य पीड़ा दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मेरे संज्ञान में एक भी मामला नहीं आया कि किसी चिकित्सक की मां ने अपने बेटे को लोगों की सेवा करने से रोका हो। मैं उन सभी माताओं को नमन करता हूं। उस समय अनेक विकसित देशों से ये खबरें आ रही थीं कि भारी संख्या में संबंधित देश में चिकित्सकों की कोरोना से मृत्यु हो रही है, लेकिन यह सुनने के बाद भी देश के चिकित्सकों ने अपनी सेवा की गति को मद्धिम नहीं होने दिया। मुझे जब कभी चिकित्सकों, नर्सों व पैरा-मेडिकल स्टॉफ के संघर्ष की अनगिनत घटनाएं याद आती हैं तो मन बहुत दुःखी हो जाता है। उस दौरान चिकित्सकों, नर्सों और पैरा-मेडिकल स्टॉफ को सोसायटी वाले अंदर नहीं आने देते थे। मकान मालिक उन्हें कमरा खाली करने के लिए बोल देते थे। सर्विलेन्स पर लगे चिकित्सक जब घर-घर जाते थे तो लोग अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते थे, मार-पीट करने के लिए तैयार हो जाते थे। हमारे चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ ने अनेक यातनाएं सहते हुए भी सेवा करने से अपने कदम को कभी पीछे नहीं हटाया। चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टॉफ पर हो रहे अत्याचारों को देखकर भारत सरकार ने तत्काल संज्ञान लिया तथा इंडियन एपिडेमिक एक्ट में संशोधन किया, जिसके अंतर्गत इसे एक आपराधिक कृत्य करार दिया तथा कोरोना काल में देश भर में चिकित्सा सेवा कर रहे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रूपये की बीमा का शुभारम्भ किया।

इसकी प्रीमियम भी भारत सरकार ने स्वयं वहन की थी। भारत सरकार के प्रयास से रिकार्ड समय में देशवासियों के जीवन को बचाने के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन तैयार हुई और सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स तथा स्वास्थ्यकर्मियों को यह वैक्सीन दी गयी। आज देशवासियों को 190 करोड़ से अधिक कोरोना रोधी वैक्सीन की डोजेज दी जा चुकी हैं।

मैंने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने सेवा का जो उत्कृष्ट प्रदर्शन देश के समक्ष प्रस्तुत किया, उससे चिकित्सा क्षेत्र गौरवान्वित हुआ है। हर चिकित्सक ने अपनी भूमिका श्रेष्ठतम ढंग से निभायी है। भविष्य में जब भी कोरोना के संक्रमण काल का उल्लेख होगा तो चिकित्सकों एवं पैरा-मेडिकल स्टॉफ के योगदान कोे सबसे पहले स्मरण किया जाएगा। देशवासियों के स्वास्थ्य रक्षा की सबसे बड़ी चुनौती हम सब चिकित्सकों के समक्ष थी। उस चुनौती से चिकित्सकों ने कड़ा मुकाबला किया।

इस कार्यक्रम के आयोजन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डा. गौतम सिंह, सचिव एवं अध्यक्ष (इलेक्ट) डा. कुमार गांधी, डा. सुनील सिंघल, डा. हरीश गुप्ता, डा. दीपा गुप्ता, डा. ग्लैडबिन त्यागी, डा. ममता ठाकुर, डा. छवि गुप्ता सहित सभी पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।।