टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (17 मई 2022): वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर के तीन दिनों तक चले सर्वे का काम पूरा हो चुका है।इसके खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों एवं मस्जिद प्रबंधन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर किया था, मस्जिद प्रबंधन के याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज सुनवाई होगी। पिछले 24 घण्टे में दोनों पक्षों द्वारा अलग अलग दावे किए गए हैं।
हिन्दू पक्षों ने शिवलिंग मिलने का किया दावा, मुस्लिम पक्ष ने बताया फव्वारा
सर्वे का कार्य पूरे हो जाने के बाद हिन्दू पक्षकारों द्वारा उस स्थल पर संस्कृत श्लोक, दीया रखने की जगह, शिवलिंग एवं स्वास्तिक मिलने का दावा किया गया है।वहीं मुस्लिम पक्षकारों ने इस सबको फव्वारा बताया है।
पूरे परिसर की हुई वीडियोग्राफी
ज्ञानवापी परिसर सर्वे के तीसरे और आखिरी दिन टीम मस्जिद के भीतर गई, ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर से करीब एक से डेढ़ हजार तस्वीर ली गई।साथ ही कई घण्टे की वीडियोग्राफी की गई ये सभी तस्वीर कोर्ट कमिश्नर को सौंप दी गई है।
हिन्दू पक्षों द्वारा शिवलिंग मिलने का दावा
सर्वे पूरा होने के बाद हिन्दू पक्षों ने दावा किया है कि मस्जिद के भीतर से 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है।हिन्दू पक्षकार मोहनलाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ” सालों से नन्दी जिस बाबा की प्रतीक्षा कर रहे थे वह बाबा मिल गए”
वजूखाने में मिला शिवलिंग
सर्वे टीम के अनुसार नन्दी के ठीक सामने मस्जिद के अंदर वजूखाने में। शिवलिंग मिला है। काशी विश्वनाथ परिसर में स्थित नन्दी की प्रतिमा का मुंह मस्जिद की तरफ है।वजूखाने से पानी हटाकर किया गया सर्वे।
कथित शिवलिंग वाली जगह को किया गया सील, प्रवेश वर्जित
न्यायालय ने हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन की अर्जी स्वीकार कर ली और प्रशासन को यह आदेश दिया कि उस पूरे क्षेत्र को सील कर दिया जाए।और पुलिस, मजिस्ट्रेट और सीआरपीएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग को बताया फव्वारा
मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्षों के दावों को बेबुनियाद बताया है मुस्लिम पक्षकारों के वकील अभयनाथ यादव ने कहा शिवलिंग हमेशा जमीन से जुड़ा हुआ होता है लेकिन फव्वारे का स्ट्रक्चर पहले तल पर है।
मुस्लिम पक्षकारों के याचिका पर उच्चतम न्यायालय द्वारा आज सुनवाई की गई है, फैसला आना बाकी है।।