टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 मई 2022): हिंदुस्तान हमेशा ही आध्यात्म, साहित्य, दर्शन और चिंतन की भूमि रही है। धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो इस प्रांजल भूमि पर हमसबके आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम अवतरित हुए, सम्पूर्ण विश्व के पथप्रदर्शक प्रभु श्री कृष्ण अवतरित हुए। साहित्य के क्षेत्र में हिंदुस्तान ने रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, बैद्यनाथ मिश्र ‘यात्री’ सहित असंख्य साहित्यिक विभूतियों के रूप में वैश्विक पटल पर अपने हस्ताक्षर को अंकित किया है। दर्शन एवं चिंतन के क्षेत्र में हिंदुस्तान की इस पावन धरा पर रजनीश’ओशो’, चाणक्य, रविंद्रनाथ टैगोर सहित असंख्य विद्वानों का अवतरण हुआ। ठीक इसी प्रकार राजनीतिक पटल पर पंडित जवाहर लाल नेहरू, पंडित अटल बिहारी बाजपेयी जैसे भारत रत्नों के नाम से भारतीय राजनीति उज्ज्वलित हो रही है।
भारत रत्न विभूतियों पर अंतरराष्ट्रीय काव्य ग्रंथ “भारत के भारतरत्न” के लोकार्पण एवं सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए सुदर्शन न्यूज के सम्पादक एवं प्रबंध निदेशक सुरेश चव्हाणके ने मंच से सबों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी साहित्यिक पुरोधाओं के बीच वक्ता बनने से उत्तम कार्य है श्रोता बनना। आगे उन्होंने कहा कि चुकि आपने मुझे पत्रकार होने के नाते यहां बुलाया है और फिर मुझपर सत्य बोलने की जिम्मेदारी दी है, जो आज के समय में सबसे कठिन कार्य है। फिर भी मैं अपने विशेष कार्यक्रम बिंदास बोल के माध्यम से पिछले 17 वर्षों से यह कार्य करते आ रहा हूँ।
आगे उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम सभी लोग आजादी के 75वां वर्ष अर्थात अमृत महोत्सव मना रहे हैं, और भारत के भारत रत्न का इससे पवित्र और बढ़िया अवसर हो ही नहीं सकता है।आगे उन्होंने कहा कि सुदर्शन टीवी हिंदुस्तान के जागरण का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य और पशुओं के बीच में यही अंतर होता है कि मनुष्य के पास आत्म सम्मान होता है, आत्मगौरव होता है स्वाभिमान होता है।अपने पुरखों के पराक्रम का गौरव होता है।और इसे जगाने का कार्य यदि सबसे अधिक किसी ने किया तो साहित्य क्षेत्र ने किया है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह ‘शशि’ ने मंच से आयोजकों, कवियों एवं सभी महनीय श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में हिंदी एवं अंग्रेजी में अंतर और उसके उपियोगिता पर जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में अंग्रेजी के बिना जीवनयापन एवं रोजगार संभव नहीं है।साथ ही उन्होंने अपनी साहित्यिक यात्रा की व्याख्या करते हुए वैश्विक पटल पर हिंदी की चर्चा की।
मौके पर कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए हिंदी अकादमी के सचिव डॉ जीतराम भट्ट ने मंच से सभी गणमान्य कवियों एवं सुधीर श्रोताओं को संबोधित करते हुए, इतने भव्य कार्यक्रम के लिए आयोजकों एवं अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन संस्था का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि कवि ब्रम्ह के प्रतिनिधि है, और आप सबों को प्रणाम करना मतलब ब्रम्ह को प्रणाम करना है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी आपका कृतज्ञ रहेगी आपने उसे शब्द का सम्मान, कवियों का सम्मान, सैनिकों का सम्मान, भारत रत्नों का सम्मान करना सिखाया है।
इस प्रांजल अवसर पर हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ इंदिरा मोहन ने मंच से सभी कवि मनीषियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जैसे शब्द पुरोधाओं एवं सुधीर श्रोताओं के बीच मुझे आने का अवसर मिला मैं कृतज्ञ हूँ। आगे उन्होंने सत्य, सुंदर, और शिव की व्याख्या करते हुए कहा कि जो कार्य जनहित में होता है , जो कार्य लोगों के कल्याण के लिए होता है वह कार्य किसी व्यक्ति या संस्था का नहीं बल्कि शिव का कार्य होता है। और शिव का कार्य सत्य एवं सुंदर पूर्वक सम्पन्न होता है। और फिर उन्होंने स्वरचित कुछ विशिष्ट रचनाओं का काव्यपाठ कर श्रोताओं को साहित्यिक रस का रसपान कराया।
कार्यक्रम के संयोजक ओंकार त्रिपाठी ने मंच से सबों को संबोधित करते हुए कहा सभी कवि मनीषियों का आभार व्यक्त किया, और साथ ही साथ अपने उत्कृष्ट काव्यशैली से एवं अनोखे अंदाज से श्रोताओं को साहित्य की गंभीरता से भी परिचय कराया एवं अपने हास्य चुटकुलों से उन्हें हंसा कर प्रशन्नता के सागर में भी उन्हें गोता लगवाने का कार्य किया।
संस्था के संस्थापक एवं संचालक डॉ राजीव कुमार पांडेय ने कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों एवं श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया और टेन न्यूज से बातचीत में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है,हमने पिछले वर्ष भी भारत के पराक्रम पर आधारित कार्यक्रम किया था, इसवर्ष हमने भारत के रत्न का लोकार्पण किया, हलाकि यह इतना सरल नहीं था लेकिन हमने चुनौती को स्वीकार किया और यह भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दुनिया के कई देशों से लोग आए, उन सबों का धन्यवाद ज्ञापन करता हूँ। साथ ही उन्होंने कहा कि अगले वर्ष भी हमलोग इसी प्रकार के किसी अलग विषयों पर भव्य कार्यक्रम का करेंगे आयोजन।
कार्यक्रम में सैकड़ो प्रतिष्ठित ख्वातिप्राप्त कवियों एवं शब्द पुरोधाओं को उनके विशिष्ट रचना के लिए सम्मानित किया गया। एवं मंच पर मौजूद कवि मनीषियों ने अपने रचनाओं से मौजूद सुधीर श्रोताओं को काव्यरस की धारा का रसपान कराया।।