टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (11/05/22): शहरों, सड़कों एवं इमारतों के नाम बदलने की राजनीति उत्तर प्रदेश से शुरू हुई है। लेकिन अब इसकी आहट लगातार राजधानी दिल्ली में भी सुनाई दे रही है। बीजेपी ने अकबर रोड समेत कई और सड़कों के नाम बदलने को लेकर एनडीएमसी एवं दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। दिल्ली बीजेपी ने कहा है कि अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखा जाए।
इस बीच कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अगर आपको नाम ही बदलने हैं तो गांव के शहरों के और सड़कों के सूरत को बदलिए, नाम बदलने में क्या रखा है। अगर भारतीय जनता पार्टी में ताकत है तो नए संसद भवन का नाम डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाए। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने नए संसद भवन का नाम एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
अब इस बीच महाराणा प्रताप सेना दिल्ली इकाई के अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने कहा है कि 1 हफ्ते के अंदर अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर अगर सरकार नहीं रखती है, तो हम बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ अकबर रोड पर जाकर महाराणा प्रताप के नाम का पोस्टर अकबर रोड के साइन बोर्ड पर लगाएं।
परमार ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अभी यह मांग उठाई है। लेकिन हम पिछले कई महीनों से लगातार यह मांग कर रहे हैं। अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप के नाम रखा जाए। महाराणा प्रताप की जयंती पर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप के नाम पर रखने का समर्थन किया था।
सवाल उठता है कि क्या सड़कों और शहरों के नाम बदलने से वास्तव में उसके सूरत और सीरत भी बदलेगी या सिर्फ राजनीतिक पार्टियां किसी एक विशेष वर्ग को टारगेट कर कर एक अलग तरह की राजनीति को जन्म देने की कोशिश कर रही है।