टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (3 मई 2022)
सरकारी दावों की पोलखोल सच्चाई!
सरकार दावे और वादे तो बड़ी-बड़ी करती है लेकिन धरातल पर जमीनी सच्चाई कुछ और है। जहां दिल्ली सरकार एकतरफ शहीद डॉक्टरों को सम्मान राशि देने की बात करती है और खुद ही अपनी पीठ थपथपाती है,लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ अलग ही बयां करती है।
मृत्यु के एक साल बीत जाने के बाद भी नही मिली सम्मान राशि
पूर्वी दिल्ली जिले में सेवारत डॉ डॉक्टर संदीप अग्रवाल की मौत कोरोना महामारी के चपेट में आने से हो गई। उनके परिवार में दो छोटे-छोटे बच्चे हैं ,उनकी पत्नी गृहणी है। टें न्यूज़ के स्त्रोत अनुसार डॉ संदीप की मौत के एक साल बीत जाने के बाद भी आजतक उनका फ़ाइल एक कार्यालय से दूसरा कार्यालय चक्कर काट रहा है। एक साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला सम्मान राशि। भारतीय मान्यता है कि डॉक्टर एक भगवान को रूप होता है , सरकारी दरबार में उनको मार झेलनी पड रही है ।
एक सरकारी डॉक्टर ने नाम न छपवाने के शर्त पर कहाँ की आज के इंटर्नेट . E office ,e mail और गुड गवर्नन्स के यूग में दिल्ली सरकार अपने ही कर्मचारी के परिजनों को न्याय नहीं दे पा रही है ।
*चिकित्सकों के प्रति सरकार का यह रवैया निराशाजनक है*
पूर्वी दिल्ली IMA के अध्यक्ष डॉ गौतम सिंह ने कहा कि महामारी के दौरान चिकित्सकों ने देशसेवा को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दिए, और उसके बाद उनके परिजनों के साथ ऐसा व्यवहार दुःखद है।
आगे उन्होंने कहा कि सम्मान राशि में राशि का कोई महत्व नहीं है बल्कि एक डॉक्टर के परिजन के लिए वह सम्मान होता है। इन्हीं सब कारण से आज डॉक्टर अपने देश में प्रैक्टिस नहीं करना चाहते हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा तो डॉक्टर जैसे पवित्र पेशे में लोग आना नही चाहेंगे।
*इस बाबत हमने स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन से बात करने और प्रश्न पूछने हेतु सम्पर्क साधने का बप्रयास किया परन्तु अबतक उनसे संपर्क नहीं हो सका है, सम्पर्क होते ही इस न्यूज़ को अपडेट किया जाएगा।।*