टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (24 अप्रैल 2022): भारतीय राजनीति में नैतिकता एवं विरोध व विपक्ष के स्वर की स्वीकार्यता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है, आए दिन अखबारों के सम्पादकीय पृष्ठों में देखने को मिलता है कि भारतीय राजनीति अब धीरे धीरे पार्टी एवं व्यक्तिवाद की तरफ अग्रसर है।
इसका एक जीवंत प्रमाण देखने को मिला दिल्ली और पंजाब में, ज्ञात हो कि एक राष्ट्रीय नेता द्वारा अपने सत्ताधारी राज्य के संवैधानिक मुखिया या उसके किसी प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में अधिकारियों के साथ बैठक की।
प्रश्न यह उठता है कि आखिर पंजाब के अधिकारी किस व्यवस्था के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बैठक करने दिल्ली गए? आलाकमान संस्कृति में ऐसे प्रश्न पूछने की संस्कृति समाप्त हो चुकी है।क्या यह सत्य नहीं है कि “केजरीवाल के सत्ता सम्मान में पंजाब की वैधानिक सीमाओं का अपमान हुआ।”
इस प्रकार की घटना अब आम हो गई है जँहा सभी सत्ताधारी दल अपने पार्टी प्रभुत्व को स्थापित करने में लगे हुए हैं, और संवैधानिक सीमाओं एवं बंधनो को तोड़ने को नया नायकत्व समझते हैं।।