जहांगीरपुरी में शांति व्यवस्था कायम करना प्रशासन के लिए बनी है चुनौती, भारी सुरक्षाबलों की हुई तौनाती

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (23/04/22): दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दौरान शोभा यात्रा पर हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। जहांगीरपुरी इलाके में अभी भी लोग घरों में कैद हैं प्रशासन का कहना है कि स्थिति सामान्य है आने वाले कुछ दिनों में जहांगीरपुरी के अंदर जो प्रतिबंध लगे हैं उसे हटा दिया जाएगा।

आपको बता दें कि इलाके में तनाव के बीच भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है जिसमें रैपिड एक्शन फोर्स सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के जवान लगातार मुस्तैदी कर रहे हैं। आपको बता दें कि हिंसक झड़प के बाद मामला गरमा गया दो पक्षों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।

हनुमान जयंती के दौरान जब मामला सामने आया इसके बाद एमसीडी ने करवाई करते हुए इलाके में अवैध रूप से बने मकान और झुग्गियां पर बुलडोजर चलाने का फैसला लिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि यथास्थिति को बनाए रखें, जिसके बाद बुलडोजर की कार्यवाही बंद कर दी गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई और जहांगीरपुरी में दो हफ्तों के लिए बुलडोजर की कारवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

प्रशासन की तरफ से बीते दिन एक शांति समिति की बैठक की गई जिसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधि को बुलाया गया आपस में सहमति जताते हुए दोनों पक्षों का कहना है कि हम शांति चाहते हैं। जहांगीरपुरी में पहले जैसा माहौल हम चाहते हैं। प्रशासन की तरफ से लगातार सुरक्षा मुहैया कराने के लिए इन दिनों भारी प्रशासन बलों की तैनाती की गई है।

स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने बताया कि स्थिति इलाके में सामान्य है और प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द बाकी जगहों पर लगे बैरिकेड को हटा दिए जाएं। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में भारी प्रशासन और पुलिस बलों की तैनाती की गई है साथ में पुलिस की तरफ से कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है जिससे स्थिति पर नजर रखी जाए।

इस बीच जहांगीरपुरी मसले पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अवैध निर्माण पर जो बुलडोजर चलाने का फैसला बीजेपी ने लिया था गलत था। सबसे बड़ा सवाल है कि जहांगीरपुरी में स्थिति को सामान्य करने के लिए और शांति बनाए रखना प्रशासन और सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।