कोरोना महामारी के संकट के बावजूद भारत में एक भी गरीब परिवार भूखा नहीं सोया: पीयूष गोयल

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (13/04/22): केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज पार्टी मुख्यालय में एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने पूरे विश्व को एक नई सोच का परिचय दिया।

पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस प्रकार गरीब कल्याण को केंद्र बिंदु में रखते हुए समय समय पर गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार किया और देशवासियों एवं पूरे विश्व को अपने संवेदनशील नेतृत्व और चरित्र के बारे में दर्शाया। पीयूष गोयल ने कहा की इस शताब्दी के सबसे बड़े संकट Covid-19 के बावजूद भारत एक ऐसा देश बनकर उभरा जिसमें एक भी गरीब परिवार के घर में चूल्हा न जला हो, ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है।

कोरोना संकट के लगभग 25 महीने के अंतराल के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 80 करोड़ देशवासियों को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त देने का काम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में किया गया।

श्री गोयल ने आगे कहा की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 25 महीनों में 1,000 लाख मीट्रिक टन अनाज गरीबों तक पहुंचाया गया है। इसके साथ पीयूष गोयल ने कहा की विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा का प्रोग्राम भारत में चलाया गया है।

पीयूष गोयल ने कहा की वन नेशन- वन राशन कार्ड प्रधानमंत्री जी की एक कल्पना थी कि कैसे हम देश के 80 करोड़ लाभार्थियों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर उन्हें देश में कहीं भी अन्न प्राप्त करने की सुविधा देने की प्रक्रिया प्रारंभ की। आपको जानकर खुशी होगी कि लगभग ऐसे 65 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांसेक्शन से लोगों ने अपने अन्न को अपने घर की जगह कहीं और से लिया है।

पीयूष गोयल ने कहा की प्रधानमंत्री जी के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी सराहना मिली है। अभी IMF ने भारत की पूरी स्थिति का आंकलन करते हुए बताया है कि ये जो मुफ्त में खाद्यान्न दिया गया है चाहे वो NFSA के अंतर्गत हो या गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत दिया गया खाद्यान्न। इन दोनों का भारत में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा। जिसके कारण भारत में गरीबी और असमानता कम हुई।