टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (8 अप्रैल 2022): साधना शंकर द्वारा लिखित हिंदी उपन्यास “आरोहण ” का लोकार्पण कई महनीय साहित्यिक हस्तियों की उपस्थिति में नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में की गई।उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अर्जुन राम मेघवाल (केंद्रीय राज्यमंत्री, संस्कृति एवं संसदीय मामले) डॉ साधना शर्मा (लेखक, प्राचार्य, श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय, नई दिल्ली),लक्ष्मी शंकर वाजपेयी(कवि, लेखक) सहित कई साहित्यिक हस्ती रहें मौजूद।
राजकमल प्रकाशन के प्रबंधन निदेशक अशोक माहेश्वरी ने मंच पर मौजूद सभी अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता एवं साल देकर उनका स्वागत किया । मंच पर मौजूद भारत सरकार के मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जी एवं अन्य अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
पुरुष एवं महिला के सहअस्तित्व में ही जीवन है और जीवन का आनन्द भी
मंच पर मौजूद मुख्य अतिथि एवं भारत सरकार के राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सभी अतिथियों को संबोधित करते हुए लेखिका साधना शंकर जी के नाम पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा की इनके नाम में ही साधना और शंकर है।उन्होंने कहा कि यही संसार का सत्य है उन्होंने स्त्रीवाद शब्द पर जोर देते हुए कहा मेरे अनुसार इस पुस्तक में स्त्रीवाद की चर्चा नहीं है इसके लिए मैं लेखिका का धन्यवाद करता हूँ।
आगे उन्होंने पुस्तक के विषय में चर्चा करते हुए कहा स्त्री-पुरूष के सहअस्तित्व में ही जीवन है और आनन्द भी सहअस्तित्व में ही है। अपने वक्तव्य में उन्होंने भारत रत्न डॉ कलाम जी के आखिरी कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “डॉ कलाम साहब ने अपने आखिरी सम्बोधन में कहा था कि केवल पृथ्वी पर ही जीवन सम्भव है”। उनका यह वक्तव्य इस बात का परिचायक है कि सहअस्तित्व में ही जीवन सम्भव है, और यही सत्य है।
मंच से सभी अतिथियों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ साधना शर्मा ने कहा कि अनुवाद ने हिंदी भाषा को बहुत समृद्ध किया है।
आगे उन्होंने पुस्तक पर चर्चा करते हुए बताई की पुस्तक में लेखिका ने एक ऐसी दुनिया रची है जँहा एक अलग ही मौलिकता है। पुस्तक के विषय में चर्चा करते हुए बोली कि पुस्तक में बिना स्त्रीवाद से प्रभावित हुए महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भरता की उल्लेख की गई है।उन्होंने संक्षेप में पुस्तक के कई मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। गौरतलब है कि डॉ शर्मा ने पुस्तक में लिखित कई पहलुओं एवं बिंदुओं पर व्यापक रूप से चर्चा की।
विख्यात कवि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी जी ने की सराहना
मंच पर मौजूद विशिष्ट अतिथि लक्ष्मी शंकर वाजपेयी मंच से सबों को सम्बोधित करते हुए स्वयं की उपस्थिति को लेकर प्रशन्नता व्यक्त की । आगे उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह पुस्तक अंग्रेजी के पुस्तक का अनुवाद है लेकिन पढ़ने के पश्चात आपको ऐसा नही लगेगा कि यह पुस्तक अनुवाद है।
साथ ही उन्होंने कहा कि आरोहण जैसे उपन्यास का आना उल्लेखनीय है।उन्होंने कहा कि हिंदी की समृद्धि पखवाड़े का आयोजन करने से नहीं होगी अपितु हिंदी भाषा की समृद्धि तभी होगी जब हिंदी से युवाओं को रोजगार देंगे तब जाकर हिंदी समृद्ध होगी। उपन्यास के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक विस्तृत शब्दावली से परिपूर्ण है पुस्तक।उन्होंने सबों से इस पुस्तक को पढ़ने का अपील किया।
पुस्तक की लेखिका साधना शंकर ने मंच पर मौजूद सभी अतिथियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा में यह मेरी पहली उपन्यास है, और मुझे इस पुस्तक से बहुत आशा है।आगे उन्होंने पुस्तक के विषय में बात करते हुए कहा कि हिंदी भाषा में कम पुस्तकें हैं जिसमें ‘साइंस फ्रिक्शन’ की पुस्तक काफी कम है ।
आगे उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं एवं पाठकों में पुस्तक के प्रति रूचि जगाने के लिए उन्होंने पुस्तक के एक पृष्ठ को पढ़कर लोगों को संक्षेप में पुस्तक की विषय-वस्तु एवं मौलिकता के विषय में बताई।
पुस्तक के विषय वस्तु के विषय में बात करें तो पुस्तक में एक ऐसे समय की कल्पना की गई है। जब औरत और पुरुष एक दूसरे के पूरक बनने के बजाय प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में आ जाएंगे, तब कैसा संघर्ष होगा तब क्या स्थिति उतपन्न होगी। साथ ही साथ उन्होंने पुस्तक के कई बिंदुओं एवं पहलुओं पर जिक्र करते हुए विस्तारपूर्वक चर्चा की।
अंत में सबों ने आरोहण की लेखिका साधना शंकर को बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।।