टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (30/03/2022): दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने मंगलवार, 29 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कश्मीरी पंडितों एवं अन्य विस्थापितों की पीड़ा एवं पुनर्वास में लापरवाही के मुद्दे को राजनीतिक बयानबाजी मे उलझा रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब केजरीवाल सरकार बेनकाब हो गई है, तब वह अपने बचाव के लिए कश्मीरी टीचर्स पर प्रशासनिक दबाव बनाकर बयान दिलवा रही है।
उन्होंने कहा कि सारा देश जानता है कि विस्थापित दबाव में होते हैं, और वह स्थानीय सरकार का विरोध नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के इसी मजबूरी का फायदा दिल्ली सरकार उठा रहे है। उन्होंने कहा कि आज जिन कश्मीरी विस्थापितों को टीचर्स मुद्दे पर आम आदमी पार्टी अपनी झेप मिटाने के लिए राजनीति कर रही है उन्हें 1994-95 में तत्कालीन दिल्ली की भाजपा सरकार ने कांट्रैक्ट नौकरी दी थी।
जब 2009-10 में इन टीचर्स ने नियमितीकरण की मांग की तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसका विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने इनके नियमितीकरण में रोड़े अटकाएं है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगभग एक लाख कश्मीरी पंडित एवं अन्य विस्थापित रह रहे हैं और अरविंद केजरीवाल सरकार ने गत 7 साल में इनके पुनर्वास अथवा उत्थान के लिए अपनी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तरह कोई ठोस काम नहीं किया है।
अब जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधानसभा में कश्मीरी विस्थापितों की पीड़ा पर बनी फिल्म को झूठा कहने के बाद उनकी चौतरफा निंदा हो रही है तो आम आदमी पार्टी कश्मीरी टीचर्स नियमितीकरण मुद्दे पर जनता को गुमराह करने के लिए ओछी राजनीतिक बयानबाजी पर उतर आये हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली ही नहीं देशभर में विधानसभा में अरविंद केजरीवाल एवं उनके विधायकों के कश्मीरी पंडितों की पीड़ा पर लगाए अट्टाहास को लेकर केवल कश्मीरी विस्थापितों में ही नहीं सभी भारतीयों में रोष है और वह केजरीवाल से माफी की मांग कर रहे हैं जिससे आम आदमी पार्टी राजनीतिक कुंठा में है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी प्रवक्ताओं सुश्री अतिशि एवं सौरभ भारद्वाज ने एक पत्रकार वार्ता कर ऐसा दर्शाने की कोशिश की कि उनकी सरकार लगातार कश्मीरी टीचर्स की सेवाओं को नियमित करना चाहती रही पर उपराज्यपाल ने उन्हें रोका। यह समझ से परे है कि अगर उपराज्यपाल सरकार रोक रहे थे तो अक्सर उपराज्यपाल के विरूद्ध मोर्चा लेने वाली आम आदमी पार्टी चुप क्यों रही। उन्होंने कहा कि सच यह है कि इस मामले में केजरीवाल सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा लगातार कोर्ट मे कहते रहे कि कश्मीरी टीचर्स को बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए कांट्रैक्ट नौकरी दी गई इसलिए इनको नियमित नहीं किया जा सकता केवल कांट्रैक्ट पर ही चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि इस मामले का सच यह है कि भाजपा हमेशा से ही कश्मीरी विस्थापितों के दिल्ली में पुनर्वास को लेकर संवेदनशील रही और तत्कालीन नेताओं केदारनाथ साहनी एवं मदनलाल खुराना ने नौकरियों एवं स्वरोजगार दोनों के माध्यम से इनके पुनर्वास के लिए बहुत काम किया है।