टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (7/03/2022): दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों के पढ़ाई के साथ-साथ हेल्थ की भी जांच की जाएगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज ‘स्कूल हेल्थ क्लिनिक’ का उद्घाटन किया है। दिल्ली के 20 सरकारी स्कूलों के अंदर ‘स्कूल हेल्थ क्लिनिक’ की शुरुआत किया गया है जो मोहल्ला क्लीनिक का विस्तारित रूप है। इसके अंतर्गत बीएमआई, आंखों की रोशनी से लेकर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव तक की बिमारियों का चैकअप किया जाएगा और साल में कम से कम 2 बार सभी बच्चों का हेल्थ का चैकअप किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसे दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में ‘स्कूल हेल्थ क्लिनिक’ का शुरूआत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के 20 स्कूलों के अंदर आज स्कूल हेल्थ क्लीनिक शुरू किए गए हैं। यह आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक का विस्तार है और ये मोहल्ला क्लीनिक का ही प्रारूप है। आइडिया यह है कि जो हमारे बच्चे हैं उन बच्चों का कंपलीट हेल्थ चेकअप के साथ ट्रीटमेंट के सारा काम किया जाए। इसके लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकोल बनाया गया है, अब कम से कम साल में दो बार सभी बच्चों का कंपलीट हेल्थ चैकअप किए जाएंगे जिसके अंदर सारे पैरामीटर को चेक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों में मोटापे की समस्या कम है लगभग 2 से 3 प्रतिशत बच्चों में मोटापा हैं। इसके अलावा 20 से 25 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिसका वजन कम है। एनिमिया की समस्याएं बच्चों में समान्य निकल रहा है। जैसे कि बच्चे का आंख खराब है और उसका पता जो है काफी समय बाद पता चलता है इसका कारण है समय पर चैकअप नहीं कराना है। साथ ही, उन्होंने कहा कि तनाव आजकल के बच्चों में ज्यादा बढ़ता जा रहा है इसके लिए हेल्थ एसेसमेंट किया जा रहा है। धीरे-धीरे करके टीचर, स्टाफ मेंबर और अभिभावक को भी इसमें शामिल किया जाएगा क्योंकि यह पूरा एक ग्रुप है। अभी बच्चों से शुरू किया गया है और धीरे-धीरे करके पूरी कम्युनिटी को हम इसमें शामिल करेंगे।
आखिर में उन्होंने कहा कि अभी हम पांच स्कूलों पर एक डॉक्टर और एक साइकोलॉजिक्स रख रहे हैं। सभी स्कूलों के अंदर नर्स है जो रोजाना बच्चों को चैक करेंगे और रोटेशन से डॉक्टर सप्ताह में एक दिन हर स्कूल में जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह सिर्फ ना केवल हिंदुस्तान में बल्कि पूरी दुनिया के अंदर स्कूल के बच्चों के हेल्थ और चैकअप के लिए ये बेहतरीन मॉडल होगा और कुछ दिन बाद इसके परिणाम भी पता चल जाएंगे। साथ ही, उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में भी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। अभी हमने 20 स्कूल में शुरू किए हैं और लगभग 60 बच्चों का रोजाना चेकअप किया जाता है और धीरे-धीरे करके इसे बढ़ाया जाएगा। दिल्ली सरकार के जितने भी स्कूल है हम सभी स्कूलों में इसे शुरू करेंगे और दुनिया के अंदर हमारे बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ स्वस्थ भी रहेंगे।