आई0टी0एस0-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन, डॉ0 आर0पी0 चड्ढा एवं वाईस चेयरमैन, श्री अर्पित चड्ढा के कुशल मार्गदर्शन से आई0टी0एस0 डेन्टल कॉलेज, गाजियाबाद में दिनांक 11 अक्टूबर, 2021 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। जिसका विषय एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य था। मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टिरिया, एग्जाइटी आत्महीनता जैसी कई तरह की दिक्कतों और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे है। इन दिक्कतों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। जिससे लोग मानसिक दिक्कतों और बीमारियों के प्रति जागरूक हो और समय रहते अपना इलाज करवा सकें।
इस अवसर पर आई0टी0एस0-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन, डॉ0 आर0पी0 चड्ढा एवं वाईस चेयरमैन, श्री अर्पित चड्ढा ने अपने विचार प्रकट किये जिसमे उन्होंने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर उन्होंने अच्छी मानसिक भलाई के महत्व पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आई0टी0एस0 – द एजुकेशन ग्रुप ने मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र मे हमशा काम किया है। किसी भी कार्य को आसानी से और जल्दी पूरा करने के लिए व अधिक स्थिर और मजबूत बनाने के लिए हर प्रकार के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण है। संस्थान हमेशा समुदाय के समग्र विकास पर विश्वास करता है और जरूरतों को पूरा करने के लिए रणनीतियों की योजना बनाता है तथा जरूरतमंदो को मौखिक स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान करता है और आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को इस क्षेत्र में जागरूकता प्रदान करता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार वर्ष 1992 मे मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ द्वारा मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने और अपने मन का आत्मनिरीक्षण करके अपने व्यक्तित्व विकारों व मानसिक विकृतियों को सक्रिय रूप से पहचानने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन पूरे विश्व के सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा तनावमुक्ति विषय पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मानसिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या 450 मिलियन है। भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति, जिनमें बच्चे एवं किषोर भी शामिल है, गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित है। मानसिक बीमारी व्यक्ति के महसूस, सोचने एवं काम करने के तरीकें को प्रभावित करती है। यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंततः व्यक्ति असामान्य व्यवहार का षिकार हो जाता है। उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है, जिसके कारण यह गंभीर समस्या स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गयी है, इसलिए भारत सरकार ने देश में मानसिक बीमारी के बढ़ते बोझ पर विचार करने के उद्देश्य से वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरूआत की थी।
इस मौके पर संस्थान की डेन्टल ओ0पी0डी0 मे आये मरीजों को अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, इससे जुड़े कुछ मुद्दों और इसे बनाये रखने के लिए क्या अपनाना चाहिए के बारे में जागरूक किया गया। इसके साथ ही संस्थान द्वारा फारूखनगर, गाजियाबाद में दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जहां मरीजों को अच्छें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया गया और शिविर स्थल पर स्केलिंग, फिलिंग और दांत निकालने जैसे बुनियादी उपचार किये गये।
इसके साथ ही डॉ0 निधि गुप्ता, परामर्ष मनोवैज्ञानिक के द्वारा एक लाइव वेबिनार आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल और मानसिक संतुलन बनाये रखने के बारे में जागरूक किया। डॉ0 निधि वर्तमान में सर्वोदय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और संजीवनी अस्पताल गाजियाबाद में कार्यरत है। सभी दंत चिकित्सक और छात्रों ने इस वेबिनार में भाग लिया और इस बात पर संजीदा रहे कि हम एक अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बनाए रख सकते है। अंत में इंटरएक्टिव सत्र हुआ जिसमें सभी प्रश्नों के जवाब डॉ0 अनुभव द्वारा बहुत अच्छे से दिए गये।
इस सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिये सभी प्रतिभागीयों ने आई0टी0एस0-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन, डॉ0 आर0पी0 चड्ढा तथा वाईस चेयरमैन, श्री अर्पित चड्ढा को धन्यवाद दिया।