टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (1/02/2022): आज देश में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट 2022-23 पेश किया गया है। आम बजट से देश के सभी वर्गो को उम्मीद रहता है और इस बार इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिसे लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहे हैं उन्होंने कहा कि इस आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त बजट 2022 पर बोला है, आज का बजट भाषण वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था। ‘गरीब’ शब्द पैराग्राफ़ नंबर में छः में केवल दो बार आता है और हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि इस देश में गरीब लोग हैं। लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे। “मैं चकित, स्तब्ध था कि वित्त मंत्री अगले 25 वर्षों के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार कर रहे थे। सरकार को लगता है कि वर्तमान को किसी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है और जनता को ‘अमृत काल’ के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने के लिए कहा जा सकता है। यह भारत के लोगों का मजाक उड़ा रहा है।” उन्होंने आगे कहा यह जाहिर तौर पर देश के बहुत अमीर लोगों के इशारे पर है। आरबीआई के बजाय, वित्त मंत्री ने घोषणा कर दी है कि क्रिप्टोकुरेंसी आज से कानूनी है। अब यह भारत के 99.99% लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है।
राहुल गांधी ने आम बजट 2022-23, के बारे में कहा मोदी सरकार का सम बजट जीरो हैं। वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित,युवा,किसान और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम बजट के बारे में कहा कि “करोना काल में लोगों को बजट से बहुत उम्मीद थी। बजट ने लोगों को मायूस किया। आम जनता के लिए बजट में कुछ नहीं है। महंगाई कम करने के लिए कुछ नहीं।”
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रभारी डा. सुशील गुप्ता ने कहा कि इस बजट से लोगों को सिर्फ निराशा हाथ लगी है कहते हुए सरकार पर तंज कसा है और लिखा है, बजट 2022 ने देशवासियों की उम्मीदों पर पानी फेरने का कार्य किया है बेरोजगारी,महंगाई,आर्थिक तंगी के इस माहौल में राहत की उम्मीद में बैठी जनता को सिर्फ निराशा हाथ लगी है। यह बजट खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आम बजट के माध्यम से सरकार पर निशाना साधा है कि भारत के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग महामारी, चौतरफा वेतन कटौती और बैक ब्रेकिंग मुद्रास्फीति के समय में राहत की उम्मीद कर रहे थे। प्रत्यक्ष कर उपायों में एफएम और पीएम ने उन्हें फिर से गहरा निराश किया है।यह भारत के वेतन वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आम बजट पर कहा कि “कोरोना से पीड़ित आम जनता को कोई राहत नही उद्योगपतियों को टैक्स में छूट, जनता को नही। किसान को MSP की गारण्टी नही। पहले 2 करोड़ नौकरी का झूठ बोला अब 60 लाख नौकरी का महाझूठ। वाह रे मोदी जी आपने तो वन्देभारत के नाम पर 400 ट्रेन पूँजीपतियों को देकर “धन्धेभारत” कर दी।”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस साल का बजट सिर्फ अमीरों का बजट है, इसमें गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है। पहले उन्होंने जो चीजें कही थीं, उसे दुबारा दोहराया है। उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स घटाया, ये अमीरों का बजट है।