टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (26/01/2022): कोरोना महामारी के कारण दिल्ली में ही नहीं पूरे देश में स्कूल बंद है जिससे कि बच्चों की भविष्य पर असर पड़ रहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि यदि अब स्कूल नहीं खोलेंगे तो बच्चों की एक पीढ़ी पीछे छूट जाएगी। जब हम सब मामले में आगे हैं तो इस मामले में निर्णय लेने वाले प्रमुख देशों में पीछे क्यों हैं? हमें इस बारे में सोचना चाहिए और विचार करके वापस फिर से स्कूल खोलना चाहिए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा है कि “भारतीय चिकित्सक, लेखक चंद्रकांत लहरिया और नीति शोधकर्ता यामिनी अय्यर के नेतृत्व में दिल्ली के बच्चों के माता-पिता के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए 1600 से अधिक अभिभावकों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन मुझे सौंपा है। हम इस मामले में निर्णय लेने वाले प्रमुख देशों में अंतिम क्यों हैं?”
साथ ही उस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि “मैं उनकी मांगों से सहमत हूं। बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होने पर हमने स्कूल बंद कर दिया लेकिन अत्यधिक सावधानी अब हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रही है। अगर हम अभी स्कूल नहीं खोलेंगे तो बच्चों की एक पीढ़ी पीछे छूट जाएगी।”
आपको बता दें कि इससे पहले विश्व बैंक के शिक्षा निदेशक जैमे सावेद्रा ने भारत में कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने पर कहा था कि इससे बच्चों के शिक्षा पर बहुत असर पड़ेगा। स्कूलों के बंद होने से बच्चों की शिक्षा में असमानता आएगी। स्कूल ना जाने वाले बच्चों की तुलना में जो बच्चे स्कूल जाते थे उसके सीखने की क्षमता में कम वृद्धि होगी। महामारी के दौरान स्कूल बंद होने से भारत में सीखने की गरीबी 55 से बढ़कर 70 प्रतिशत होने की उम्मीद है।