टेन न्यूज नेटवर्क
दिल्ली (21 जनवरी 2022): दिल्ली के इंडिया गेट पर बीते 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति का आज समीप ही बने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही ज्योति में विलय किया जाएगा। इसे लेकर सियासी बवाल पैदा हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा कहा कि “कुछ लोग नही समझ सकते बलिदान हम फिर जलाएंगे ज्योत”
कांग्रेस द्वारा विरोध करने के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि वह अमर जवान ज्योति को बुझा नहीं रही है, बल्कि उसका कुछ ही दूरी पर बनाए गए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में विलीन किया जा रहा है। केंद्र का कहना है कि अमर जवान ज्योति के स्मारक पर 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है, लेकिन उनके नाम वहां नहीं हैं। इंडिया गेट पर केवल कुछ शहीदों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी। यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है।
समारोहपूर्वक होगा विलय
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति में शुक्रवार को समारोहपूर्वक विलय किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्णा द्वारा की जाएगी। इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेज सरकार ने 1914 से 1921 के बीच शहीद ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में किया था।
इंडिया गेट से 400 मीटर दूर है युद्ध स्मारक
यह स्मारक इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अमर जवान ज्योति को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
कुछ लोग नहीं समझ सकते बलिदान, हम फिर जलाएंगे जोत : राहुल गांधी
उधर कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा- ‘बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’
इंदिरा गांधी ने 1972 में किया था अमर जवान ज्योति का उद्घाटन
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को अमर जवान जोत का उद्घाटन किया था।