अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर लौ में मिलाया जाएगा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (21/01/2022): नई दिल्ली में इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही ज्योति में विलय किया जाएगा। लेकिन ट्विटर पर इसे लेकर “बहुत सारी गलत सूचनाएं” फैलाई जा रही है कि इंडिया गेट पर ‘अमर जवान ज्योति’ की लौ 50 साल बाद बुझाई जाएगी और आज से दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लौ में विलीन हो जाएगी। इसे लेकर ट्विटर पर #AmarJawanJyoti #NationalWarMemorial और इंडिया गेट ट्रेडिंग कर रहा है। और इस निर्णय का काफी आलोचना भी हो रहा है।

वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं। हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!”

मशहूर पत्रकार बरखा दत्त ने लिखा है कि “एक राष्ट्र के दिल में कोने होते हैं। #AmarJawanJyoti एक है। आप दूसरे के लिए जगह बनाने के लिए अपने दिल का एक टुकड़ा नहीं तोड़ते, आप बस और अधिक के लिए जगह बनाते हैं। बिना ज्वाला के इंडिया गेट की कल्पना करना दुखद है।”

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि “कुछ भी किया जा रहा है वह एक राष्ट्रीय त्रासदी है और इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास है। अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक मशाल में मिलाने का अर्थ है इतिहास मिटाना। भाजपा ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा सकते हैं।”

कांग्रेस सेवादल ने लिखा है, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाने का निर्णय साबित करता है कि वर्तमान शासन में इस देश के वीरों के लिए कोई सम्मान नहीं है जिन्होंने महान राष्ट्र के लिए बलिदान दिया है। न तो वे लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हैं, न ही सैनिकों का। आगे क्या?

1971 युद्ध के दिग्गज और पूर्व थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव ने कहा कि “मैं इसे सही समझता हूं। अब हमारे पास वॉर मेमोरियल बन गया है अब उचित होगा कि वॉर मेमोरियल के अदंर ही अमर जवान ज्योति को मिला दिया जाएं। अब हमारा एक ही नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए।”

1971 के युद्ध में मारे गए जवानों की याद में अमर जवान ज्योति को स्थापित किया गया था और वहां पर उनके नाम अंकित किये गए है। 1972 के गणतंत्र दिवस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था।

अब समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि “अमर जवान ज्योति को नहीं बुझाया जा रहा, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर लौ में मिला दिया जा रहा है।

अमर जवान ज्योति को नहीं बुझाया जाएगा क्योंकि 1971 और बाक़ी युद्धों में शहीद हुए जवानों की याद में इसे बनाया गया था लेकिन उनके नाम वहां पर नहीं हैं। इंडिया गेट पर उन शहीदों के नाम हैं जो ब्रिटेन के लिए प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफ़ग़ान युद्ध में लड़े थे और ये हमारे औपनिवेशक काल का प्रतीक है। 1971 और सभी युद्धों में भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय समर स्मारक पर हैं। वहां पर ज्योति का जलना शहीदों के लिए सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ होगी।”

आलोचनाओं के बाद किया साफ , अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर लौ में मिलाया जा रहा और यह एक सच्ची श्रद्धांजलि है।