New Delhi (31/12/2021): जैसे साल 1983 की जीत थी, लगभग आज वैसा ही अनुभव हुआ, उस समय तो बहुत छोटा था लेकिन आज का अनुभव भी वैसा सा ही लगा। 83 ने दिल को खुशियों से सराबोर भी किया तो, गुदगुदाया भी, रुलाया भी, जीत का अहसास भी खूब कराया और सबसे बड़ी बात :: कपिल देव का महत्व एक बार फिर से समझाया।
ऐसा लगा, हर हिंदुस्तानी को कम से कम एक बार अवश्य इसे देखना चाहिए। रणबीर सिंह का काम बेहद प्रभावित कर गया और निर्देशक कबीर खान ने तो जबरदस्त कमाल किया ही है। अभिनेत्रियों के लिए ज्यादा कुछ करने को था ही नही, हां पर श्रीकांत बने कलाकार ने भी खासा मनोरंजन किया। हर खिलाड़ी लिखूं या कलाकार, लगभग सभी ने असली नाम का mannerism / playing style जबरदस्त ढंग से उतारा और रणबीर सिंह का तो कहना ही क्या, लूट लिया बस ।। मोहिंदर अमरनाथ जी ने भी परदे पर आकर खूब चौंकाया। निर्देशक ने जिस प्रकार से असली मैचों की क्लिप्स का इस्तेमाल किया, वह भी कबीले तारीफ था। अंत में 3D में फिल्म देखने का भी अनोखा ही लुत्फ था। पर ये मैं जरूर कहूंगा कि 3D में देखे या नॉर्मल स्क्रीन पर लेकिन देखे जरुर और वो भी सिर्फ सिनेमा में 83।।
By विनीत चौधरी