मेरठ लिटरेचर फ़ेस्टिवल : साहित्य लोगों को समाज और एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम करता है

New Delhi (25/12/2021): क्रांतिधरा साहित्य अकादमी के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल’ के दूसरे दिन की कार्यक्रम ‘साक्षात्कार सत्र’ से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के संचालक श्रीगोपाल नारसन और कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित हुए पूर्व कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल। वर्तमान में वह पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति के रूप में सेवारत है। संस्कृति, हिन्दी भाषा और विद्युता के क्षेत्र में डॉ महावीर अग्रवाल काफी प्रख्यात भी है। यह वेद के प्रचारक के रूप में भी जाने जाते हैं।

गौरतलब है कि आज का सहित्य के कार्यक्रम में अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में हाइकू पाठ, पर्यावरण विमर्श से लेकर आलीमी मुशायरा का भी आयोजन किया गया है। कार्यक्रम को पूर्ण करने के लिए देश व विदेश के नामचीन हस्तियां मौजूद होंगे। हालांकि सभी साहित्यकार अप्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रम में टेन न्यूज़ लाइव पर जुड़ेंगे।

मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के साक्षात्कार सत्र को संबोधित करते हुए डॉ महावीर अग्रवाल ने कहा इस साहित्य कुंभ में शामिल होकर काफी सुखद महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि कुंभ नगरी हरिद्वार और क्रांति की नगरी मेरठ में हो रहे साहित्य कुंभ और दोनों कुंभ नगरीयों का परस्पर मिलन वास्तव में सुखद है।

डॉ महावीर अग्रवाल ने गुरुकुल में प्राप्त शिक्षा पद्धति को सबके समक्ष रखा। उन्होंने कहा आज विश्व में जितनी भी समस्याएँ हैं सभी का समाधान प्राचीन भारत की गुरुकुल शिक्षा पद्धति में पहले से मौजूद है। गुरुकुल शिक्षा पद्धति मनुष्य को प्रभु भक्त, मातृ-पितृ और गुरु भक्त बनती है। साथ में शिष्य को राष्ट्रभक्त भी बनती है। आज जो भारत सरकार नई शिक्षा नीति बनाई है उसका कोई आत्मतत्व है, तो वह गुरुकुल की शिक्षा पद्धति है।

वह कार्यक्रम को विराम देते हुए डॉ महावीर ने कहा साहित्य हमें एक-दूसरे से देश-विदेशों से जोड़ने का काम करती है। इसके लिए मैं क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विजय पंडित को आभार व्यक्त करता हूँ।