क्या कांग्रेस परिवार के इर्द-गिर्द घूमेगी अध्यक्ष पद की कुर्सी ?

अगले वर्ष सितंबर में हो सकता है कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव ।

राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने की संभावना ।

दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक चल रही है जिसमें राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग उठी यह मान पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अंबिका सोनी के तरफ से की गई । मीडिया से बातचीत करते हुए केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को कहा अध्यक्ष का चुनाव अगले साल अगस्त या सितंबर माह में हो सकता है वहीं राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने पर विचार विमर्श करने की बात कही है ।

पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत सहित अंबिका सोनी ने मीटिंग में कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता गढ़ राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनते देखना चाहते हैं लेकिन अभी राहुल गांधी पर निर्भर करेगा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के पद को स्वीकार करते हैं या नहीं ।

सोनिया ने क्या कहा?

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने खुद को फुल टाइम कांग्रेसका प्रेसिडेंट बताया सोनिया गांधी ने पार्टी के G 23 नेताओं को कड़े शब्दों में कहा कि वह पार्टी की फुल टाइम प्रेसिडेंट है आपको बता दें G-23 कांग्रेस में उन 23 नेताओं का समूह है जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष पद सहित पार्टी नेतृत्व में बदलाव करने के लिए कहा था सोनिया ने खुद को फुल टाइम प्रेसिडेंट बताते हुए पार्टी नेताओं को नसीहत भी दी । सोनिया ने कहा मैं फुल टाइम प्रेसिडेंट हूं और पूरी तरह सक्रिय हूं ।

क्या गांधी परिवार की जागीर है कांग्रेस का अध्यक्ष पद ?

लंबे समय से चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी समय के साथ कार्यकर्ताओं मैं खुद का भी सामना किया कभी कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की मांग हुई तो कभी दबे स्वर से राहुल गांधी को बैकफुट पर आने की सुगबुगाहट हुई , लेकिन इन सबके बीच जो सबसे बड़ा सवाल है वह यह कि क्या कांग्रेस का अध्यक्ष पद सिर्फ नेहरू से संबंधित गांधी परिवार का ही जागीर होगा ? क्या कांग्रेस के नेता अपने कुशलता और नेतृत्व क्षमता के सामने गांधी परिवार की विफलता को मानते रहेंगे ?
कांग्रेस में नेतृत्व की समस्या सालों पुरानी हो चुकी है जिसका परिणाम ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित जतिन पटेल जैसे सर्वकालिक कांग्रेस नेता को पार्टी छोड़कर जाने जैसा रहा । जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद सहित नेतृत्व में बदलाव की मांग पार्टी नेताओं के द्वारा की गई कभी कपिल सिब्बल बदलाव की बात करते तो कभी गुलाम नबी आजाद ।

प्रियंका की सक्रियता दिलाएगी जीत ?

कांग्रेस की डूबती नैया के बीच प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन और लखीमपुर खीरी की घटना के बाद प्रियंका ने खुद को स्थापित करने के लिए जनसंपर्क तेज कर दिया अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रियंका गांधी की यह सक्रियता कितने सीट दिलाती है ?