दिल्ली: 26/08/21 दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को पत्र लिखा , जिसमें आग्रह किया गया है कि कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव को देखते हुए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षा की फीस माफ कर दी जाए. पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण अभिभावकों की आय का नुकसान हुआ है. जिसके कारण वो बोर्ड परीक्षा के शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ हैं.
शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश ने सीबीएसई चेयरमैन को पत्र लिखा है. सीबीएसई की ओर से अब तक इस पत्र का जवाब नहीं दिया गया है कोविड महामारी के आर्थिक प्रभाव का हवाला देते हुए शिक्षा निदेशक ने पत्र में बोर्ड से सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, पत्राचार विद्यालय, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, दिल्ली छावनी बोर्ड में पढने वाले दसवीं और बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों के परीक्षा शुल्क को माफ करने का अनुरोध किया है. पत्र में निदेशक ने कहा कि उन्हें माता-पिता से अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी के कारण हुए आय के नुकसान के कारण परीक्षा शुल्क का भुगतान करने में असमर्थता जताई है.
हालांकि पत्र में कहा गया है कि महामारी ने एक आर्थिक संकट पैदा कर दिया है, व्यापार बंद हुए हैं दुनिया भर में नौकरियों में कटौती हुई है. कोविड महामारी के कारण काफी लोग बेरोजगार भी हुए हैं. अब लंबे समय बाद स्कूलों में एक बार फिर से औपचारिक शिक्षा शुरु हुई है. वहीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए बोर्ड ने पंजीकरण और परीक्षा शुल्क जमा कराने को कहा है। इससे माता-पिता के सामने शुल्क जमा कराने की समस्या आ गई है.
वहीं, बारहवीं के छात्रों को प्रैक्टिकल प्रति विषय के लिए डेढ सौ रुपये का भुगतान भी करना होगा. वर्ष 2019 में दिल्ली सरकार ने 3.14 लाख छात्रों की फीस का भुगतान बोर्ड को किया था. जबकि, बीते साल कोरोना संकट के कारण फीस भुगतान के रूप में इतनी बड़ी राशि नहीं दी जा सकी थी. बीते साल की तरह इस साल भी काफी अभिभावक व छात्र पोस्ट कार्ड के माध्यम से फीस भुगतान को लेकर सहायता की गुहार लगा रहे हैं.