लेखक: रवि मालपानी
तृष्णा से मुक्ति का द्वार है श्रीकृष्ण।
मोक्ष प्राप्ति का सरल-सरस मार्ग है श्रीकृष्ण।
जीवन के सत्य का साक्षात्कार है श्रीकृष्ण।
धर्म की रक्षा के लिए सदैव अवतरित होते है श्रीकृष्ण।
मोर-मुकुटधारी भिन्न रंगो का सम्मिश्रण है श्रीकृष्ण।
विरह की वेदना की प्रत्यक्ष अनुभूति है श्रीकृष्ण।
अन्तर्मन की शांति का प्रतीक है श्रीकृष्ण।
मुरली मनोहर बन संगीत को महत्व देते है श्रीकृष्ण।
रासलीला, नृत्य करते आनंद के क्षण व्यतीत करते है श्रीकृष्ण।
द्रौपदी के आह्वान पर अविलंब प्रकट होते है श्रीकृष्ण।
राधे नाम की महिमा का गुणगान करते है श्रीकृष्ण।
स्त्री सम्मान के अद्वितीय रक्षक है श्रीकृष्ण।
भक्तो के अधीन पुकारे जाने पर प्रत्यक्ष होते है श्रीकृष्ण।
सुदामा की पीड़ा-व्यथा का अंत है श्रीकृष्ण।
माँ यशोदा और देवकी के मातृत्व की पहचान है श्रीकृष्ण।
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त अधिपति नाथ है श्रीकृष्ण।
गौसेवा और भक्तों के रक्षक है श्रीकृष्ण।
हर्ष-विषाद में समभाव का संदेश देते है श्रीकृष्ण।
त्याग को सहर्ष स्वीकार कर निरंतर आगे बढ़ते है श्रीकृष्ण।
श्यामवरण, मनमोहक सौन्दर्य का रूप है श्रीकृष्ण।
डॉ. रीना कहती, माखनचोर मुरली मनोहर है श्रीकृष्ण।