नई दिल्ली : पिछले साल कोरोना के कहर के चलते जहां देश भर में रामलीलाओं का स्टेज पर दर्शकों के सम्मुख मंचन नहीं हो पाया तो इस बरस प्रभु श्रीराम की कृपा से लगातार कमजोर होती कोरोना महामारी के चलते सरकारी एंजेसियों ने जब रामलीला मंचन की अनुमति प्रदान की है वहीं दिल्ली की सबसे बडी विशाल और देश- विदेश में लोकप्रिय लव कुश रामलीला कमिटी के पदाधिकारियों ने सरकारी नियमों का पूर्ण सम्मान करते हुए लालकिला ग्राउंड में 06 अक्टूबर से 16 अक्टूबर आयोजित होने वाली रामलीला के लिए अभी से कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए मैदान में सभी कुर्सियों को बिछने वाली चेयर्स को सोशल डिस्टेंस के आधार पर एक फीट की दूरी पर बिछाने का फैसला किया है।
आज सिविल लाइंस स्थित लव कुश रामलीला कमिटी के कार्यालय में हुई पदाधिकारियों की बैठक में कमिटी के प्रेजिडेंट अशोक अग्रवाल ने कहा कि हम इस साल दशहरे के दिन मैदान में लगने वाले रावण कुम्भकरण, मेघनाथ के पुतलों उंचाई को 30 से 20 फीट तक करने का फैसला किया है, याद रहे 2018 में इन पुतलों की उंचाई 80 से 100फीट थी, अशोक अग्रवाल के मुताबिक इस बरस कोविड नियमों के चलते मैदान में कुर्सियों को सोशल डिस्टेंस के आधार पर लगाया जाएगा ऐसे में हमने दशहरे के दिन पुतलो को कम जगह पर लगाने का फैसला किया है।
लीला के सचिव अर्जुन कुमार अग्रवाल के मुुताबिक इस बरस हम लंका दहन की लीला को प्रतीकात्मक करेंगे, बहुत कम ही जगह में लंका का सेट बनाया जाएगा वहीं इनमें ग्रीन पटाखों का प्रयोग किया जाएगा, इस साल कमिटी ने पहले ही लीला में उन्हीं दर्शकों को प्रवेश देने का ऐलान किया था जिन्होंने वेक्सीन की दोनों डोज लगवाा ली है। लीला के वाइस प्रेजिडेंट अंकुश अग्रवाल के मुताबिक लीला में अलग अलग किरदार निभा रहे सभी कलाकारों ने वेक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। वही लीला ग्राउंड में रोज़ाना सेनिटाइजेशन करने का भी कमिटी ने फ़ैसला लिया है!
लीला के प्रेसिडेंट अशोक अग्रवाल के मुताबिक़ इस साल हम विजयदशमी के दिन लीला ग्राउंड में भव्य दिवाली पर्व का आयोजन भी कर रहे है इस दिन पूरे मैदान में चारों और दीपमाला प्रजव्वलित की जाएगी साथ ही ग्रीन पटाखों से प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाई जाएगी