विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के सीनियर रिसर्च फेलो शशांक कुलकर्णी को 2020-21 के अंतरराष्ट्रीय तेजस्वी लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार अनुसंधान और शाश्वत विकास के क्षेत्र में काम करने वाले विश्व प्रसिद्ध संगठन ग्रीन थिंकर जेड द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाता है। यह संगठन शाश्वत विकास और पर्यावरण संवर्धन के लिए विश्व स्तर पर काम करता है। इसका मुख्यालय मोहाली (पंजाब) भारत में है।
पुरस्कार के लिए चयन की जानकारी संस्था के अध्यक्ष तन्वीर सिंह और अनुसंधान एवं विकास प्रमुख डॉ. सपना मेहता ने एक पत्र द्वारा शशांक कुलकर्णी को दियी है। यह पुरस्कार शशांक कुलकर्णी द्वारा देश की कृषि और किसान नीति में उनके शोध पर आधारित पुस्तक ‘स्वामीनाथन आयोग: ए फाउंडेशन ऑफ फार्मर पॉलिसीज इन इंडिया’ के माध्यम से उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है। इस पुस्तक को भारतीय हरित क्रांति के जनक प्रो. एम एस स्वामीनाथन की प्रस्तावना प्राप्त हुई है। यह पुस्तक प्रतिष्ठित पब्लिशिंग हाउस एकेडमिक फाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है।
शशांक कुलकर्णी एक कृषि अभियंता हैं। उन्होंने महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय, राहुरी से कृषि इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। मूल रूप से सांगली जिले के रहने वाले शशांक कुलकर्णी वर्तमान में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सीनियर रिसर्च फेलो के रूप में लोक नीति और लोक प्रशासन विभाग, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक वरिष्ठ शोधार्थी के रूप में पिछले चार वर्षों से भारत की कृषि और कृषि नीतियों पर शोध कर रहे हैं। इनमें भारतीय कृषि और किसानों से संबंधित राष्ट्रीय किसान नीति, स्वामीनाथन आयोग, विदर्भ में किसानों की आत्महत्या और स्थायी नीतिगत उपाय जैसे महत्तवपूर्ण विषय शामिल है। उन्होंने अब तक विभिन्न विषयों पर मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में कुल दस पुस्तकें लिखी हैं। उनमें से छह किताबे प्रकाशित हो चुकी हैं और बाकी प्रकाशन के प्रक्रिया में हैं। उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित विश्व पत्रिकाओं में अपने शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। शशांक कुलकर्णी को इस पुरस्कार के लिए विभिन्न क्षेत्रों से बधाई दी जा रही है।