दिल्‍ली में अस्‍पतालों को आदेश

दिल्‍ली में अस्‍पतालों को आदेश, मरीज ने 10 मिनट से ज्‍यादा किया इंतजार तो खैर नहीं

नई दिल्‍ली. राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर दिल्‍ली सरकार के अस्‍पतालों को सख्‍त आदेश दिए गए हैं. दिल्‍ली के हेल्‍थ एंड फेमिली वेलफेयर के स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से दिए आदेश में मरीजों को 10 मिनट से ज्‍यादा इंतजार न करने देने के लिए कहा गया है. इसके लिए अस्‍पतालों को कोविड बेड बढ़ाने के साथ ही मेनपॉवर बढ़ाने के लिए कहा गया है.

दिल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों को दिए गए आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में आने वाले मरीज को दाखिले के लिए 10 मिनट से ज्‍यादा इंतजार नहीं कराना है. इससे भीड़-भाड़ बढ़ने के साथ ही कोरोना फैलने का खतरा है. इसके साथ ही कोविड के गंभीर मरीजों के लिए अस्‍पतालों में ज्‍यादा से ज्‍यादा ऑक्‍सीजन सुविधाएं बढ़ाई जाएं. अस्‍पतालों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ ही मेनपॉवर बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं.

वहीं एक अन्‍य आदेश में दिल्‍ली सरकार के सबसे बड़े अस्‍पताल लोक नायक जय प्रकाश अस्‍पताल और जीटीबी अस्‍पताल में कोविड के एक हजार सामान्‍य बेड बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही आईसीयू बेड बढ़ाने के लिए भी कहा गया है.

दिल्‍ली में कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्‍या को देखते हुए दिल्‍ली सरकार एक्टिव मोड़ में है. ऐसे में लगभग कोविड अस्‍पताल बन चुके एलएनजेपी में पहले से तय एक हजार सामान्‍य कोविड बेड को बढ़ाकर 1500 करने के लिए कहा गया है. वहीं इसमें बिना वेंटिलेटर के 100  आईसीयू बेड बढ़ाने के भी आदेश भी हेल्‍थ एंड फेमिली वेलफेयर के स्‍पेशल सेक्रेटरी की ओर से दिए गए है.
वहीं जीटीबी अस्‍पताल की बात करें तो अभी तक यहां 500 कोविड के सामान्‍य बेड थे जिन्‍हें इस आदेश के बाद बढ़ाकर एक हजार कर दिया गया है. वहीं 100 बिना वेंटीलेटर वाले सामान्‍य बेड भी बढ़ाए गए हैं. इस अस्‍पताल में पहले से 200 वेंटीलेटर वाले आईसीयू बेड भी तैयार किए जा चुके हैं.

दिल्‍ली सरकार की ओर से कहा गया है कि राज्‍य में किसी भी इमरजैंसी से निपटने के लिए आदेशों का तत्‍काल प्रभाव से पालन किया जाए. बता दें कि पिछले साल इन दोनों ही अस्‍पतालों को कोविड अस्‍पताल घोषित कर दिया गया था और यहां सामान्‍य  मरीजों का इलाज बंद कर दिया गया था. एलएनजेपी के अन्‍य बीमारियों वाले गंभीर मरीजों को जीबी पंत और अन्‍य सरकारी अस्‍पतालों में भेजा गया था.