खुले रहेंगे दिल्ली के सभी बाजार और इंडस्ट्रियल एरिया
" *CTI की महापंचायत में 240 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने लिया फैसला* "
*GST के काले कानूनों का विरोध जारी रहेगा*
*कल 100 से अधिक बाजारों में विरोध करेंगे व्यापारी*
GST के कठिन प्रावधानों के विरोध में
दिल्ली के बाजार बंद होने की अफवाहों के बीच आज व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) ने एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग का आयोजन करके व्यापारियों की महापंचायत बुलाई
जिसमें दिल्ली की 240 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया ।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी के मौजूदा स्वरूप ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है और GST में बहुत सारे नये नियम आ रहे हैं जो कि व्यापारियों की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक हैं ।
सीटीआई ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है, जिसमें महत्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र किया गया है और साथ ही वित्त मंत्री से व्यापारियों ने मिलने का भी वक्त मांगा है।
आज की मीटिंग में सभी ने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया कि GST के काले कानूनों का विरोध जारी रहेगा लेकिन दिल्ली बंद करना इसका समाधान नहीं है इसलिए कल दिल्ली में समस्त बाजार और दुकानें खुली रहेंगी ।
आज की मीटिंग में चांदनी चौक , कशमीरी गेट , नया बाजार , खारी बावली , सदर बाजार , कमला नगर , कनोट प्लेस , नेहरू प्लेस , सरोजिनी नगर , गांधी नगर , खान मार्केट ,
शाहदरा , मायापुरी , लाजपत नगर , साउथ एक्स, रोहिणी , पीतमपुरा , तिलक नगर , कृष्णा नगर, मालवीय नगर , ग्रीन पार्क , ग्रेटर कैलाश आदि एसोसिएशन्स ने हिस्सा लिया और सभी ने सर्वसम्मति से अपने अपने बाजारों को खोलने का फैसला किया ।
इसके साथ ही 28 औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों ने भी मीटिंग में हिस्सा लिया और फैसला किया कि कल सभी 2 लाख फैक्ट्रियां खुली रहेंगी ।
सीटीआई के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि
आज की मीटिंग में होटल, बैंक्वट, रेस्टोरेन्ट, ट्रान्सपोर्ट एसोसिएशन्स के साथ साथ महिला कारोबारियों ने भी हिस्सा लिया ।
बृजेश गोयल ने कहा कि GST के अन्तर्गत व्यापारियों की गिरफ्तारी और उनका GST नम्बर कैन्सल करने जैसे प्रावधान आ गये हैं जिनको वापस लेना चाहिए ।
हम इन काले कानूनों का विरोध जारी रखेंगे और कल 100 से अधिक बाजारों में GST के काले कानूनों का विरोध किया जाएगा , जल्दी ही हम केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से भी मुलाकात करेंगे और इन कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे ।