दाजी के नेतृत्व में श्री राम चन्द्र मिशन स म्पूर्ण विश्व के लिए प्रेरणा का एक स्रोत बन ग या है : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि योग के साथ-साथ सहज मार्ग तथा हार्टफुलनेस कार्यक्रम विश्व के लिए आशा की एक किरण के समान है।

हैदराबाद / दिल्ली, मंगलवार, 16 फरवरी 2021: अपने विदाई भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सहज मार्ग (हार्टफुलनेस ध्यान) के अभ्यासियों को संबोधित करते हुए उन्हें श्री राम चन्द्र मिशन के 75 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी तथा जीवन की अनिश्चितताओं से जूझने के लिए योग और ध्यान की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। यह एक वर्चुअल विदाई समारोह था जिसमें श्री राम चन्द्र मिशन के अध्यक्ष एवं गाइड श्री कमलेश पटेल (दाजी) के साथ हार्टफुलनेस के लाखों अभ्यासी एवं नए जिज्ञासु शामिल हुए। श्री राम चन्द्र मिशन के तले हार्टफुलनेस(सहज मार्ग) विश्व भर के 150 देशों के लाखों लोगों के मध्य राज योग की प्राचीन पद्धति के आधुनिक स्वरूप का प्रसार कर रहा है। दैनिक जीवन के साथ आसानी से घुल-मिल जाने वाले इस अभ्यास से विश्व भर के लोग लाभ उठा रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हार्टफुलनेस के गाइड श्री कमलेश पटेल के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि आज की दुनिया में तेज गति पर काफी ज़ोर है और लोगों के पास समय की कमी है। ऐसे समय में आप सहज मार्ग (श्री राम चन्द्र मिशन) के जरिए लोगों को ऊर्जावान एवं स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। आपके हजारों वॉलंटियर व ट्रेनर योग और ध्यान की कला से दुनिया को अवगत करा रहे हैं। यह मानवता की एक महान सेवा है। आपके

वॉलंटियर व ट्रेनरों ने ज्ञान के वास्तविक अर्थ को सच कर दिखाया है। हमारे प्रिय कमलेश जी ध्यान व आध्यात्मिकता की दुनिया में विख्यात हैं। मैं तो यही कह सकता हूँ कि वह पश्चिमी दुनिया व भारत की अच्छाइयों का बेहतरीन मिश्रण हैं। दाजी के आध्यात्मिक नेतृत्व में श्री राम चन्द्र मिशन सम्पूर्ण विश्व और विशेषकर युवाओं को एक स्वस्थ शरीर मन व स्वस्थ मन के लिए प्रेरित कर रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए हार्टफुलनेस के गाइड श्री कमलेश पटेल (दाजी) ने कहा, “हार्टफुलनेस मेडिटेशन का रूपांतरकारी प्रभाव प्राणाहुति (जीवन शक्ति) में निहित है जो हमारे अभ्यास का एक अद्वितीय अंग है तथा जिज्ञासु के ध्यान को आसान व उसके दैनिक जीवन का अंग बना कर उसका लाभ उठाने में मदद करता है। । सम्पूर्ण विश्व के लोगों तक इस प्राचीन परंपरा की शिक्षाओं को निशुल्क पहुँचाने हेतु हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट अथक प्रयास कर रहा है। अभ्यास के कुछ हफ्तों के भीतर ही हार्टफुलनेस का अभ्यास समाधि की ओर ले जाने वाली शान्ति प्राप्त करने का एक अचूक मार्ग है।”

प्रधानमंत्री ने अपने आरंभिक टिप्पणी में मिशन व उसके प्रेरणा प्राप्त अभ्यासियों को बधाई दी और कहा, “राष्ट्र के निर्माण व समाज को मजबूती से आगे ले जाने में 75 वर्षों का सफर अत्यंत नाजुक होता है। लक्ष्य के प्रति यह आपकी प्रतिबद्धता ही है कि आज यह मिशन 150 से भी अधिक देशों में फैल चुका है। हैदराबाद स्थित हार्टफुलनेस के मुख्यालय के विषय में उन्होने कहा कि मुझे बताया गया है कि कान्हा शान्तिवनम् का निर्माण एक ऐसी भूमि पर हुआ है जो पहले बंजर थी। यह आपका (दाजी का) समर्पण भाव ही है जिसने इसे हरित कान्हा शान्तिवनम् में परिवर्तित कर दिया है।