इंडस्ट्री में हो रही छंटनी पर पहली बार बोले रतन टाटा, इंडस्ट्री के लीडर्स की नैतिकता पर उठाए सवाल कोरोना महामारी के बीच जो लोग नौकरीपेशा हैं उनपर डबल संकट है। लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है और रोजाना खबर आ रही है कि इस कंपनी ने हजारों को निकाल दिया है। संकट के समय बढ़ती बेरोजगारी की समस्या पर रतन टाट ने इंडस्ट्री के टॉप लीडर्स द्वारा लिए जा रहे फैसले पर सवाल उठाया है।
रतन टाटा ने कंपनियों द्वारा नौकरी से निकाले जाने की अनगिनत घटनाओं पर कहा कि ऐसा लगता है जैसे कंपनियों की टॉप लीडरशिप में सहानुभूति की कमी हो गई है। ये वे लोग हैं जिन्होंने कंपनी के लिए काम किया है। इन्होंने अपना पूरा करियर कंपनी के लिए लगाया है। संकट के समय आप इन्हें सपॉर्ट करने की जगह बेरोजगार कर रहे हैं। टाटा ने इंडस्ट्री के टॉप लीडर्स से पूछा कि आपका इस समय में क्या कर्तव्य बनता है। आपके लिए नैतिकता की क्या परिभाषा है जो अपने कर्मचारियों के साथ इस तरह का बर्ताव कर रहा है। टाटा ग्रुप की बात करें तो ग्रुप की कि किसी भी कंपनी में छंटनी नहीं हुई है। हालांकि टॉप मैनेजमेंट की सैलरी में 20 फीसदी तक की कटौती जरूर हुई है।
मुनाफा कमाना गलत नहीं, लेकिन नैतिकता जरूरी
टाटा ने कहा कि मुनाफा कमाना गलत नहीं है। लेकिन यह काम भी नैतिकता से करना जरूरी है। यह सवाल बहुत जरूरी है कि आप मुनाफा कमाने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं। कंपनियों के लिए यह भी जरूरी है कि वह मुनाफा कमाने के दौरान इस बात का खयाल रखे कि कस्टमर्स और शेयरहोल्डर्स के लिए क्या वैल्यू ऐड की जा रही है। ये तमाम पहलू महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान हालात में मैनेजर्स को यह सवाल खुद से लगातार पूछते रहना चाहिए कि वे जो फैसला ले रहे हैं, क्या वे सही हैं।
बिजनस का मतलब सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं
रतन टाटा ने तो यहां तक कहा कि वह कंपनी ज्यादा दिनों के लिए सर्वाइव नहीं कर सकती है जो अपने लोगों को लेकर संवेदनशील नहीं है। उन्होंने बिजनस को लेकर अपनी सोच बताते हुए कहा कि बिजनस का मतलब सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं होता है। यह बहुत जरूरी है कि जो स्टेकहोल्डर्स, कस्टमर्स और कर्मचारी आपसे जुड़े हैं, उनके हितों को भी ध्यान में रखा जाए। टाटा ग्रुप की कंपनियों में एयरलाइन, होटल बिजनस, फाइनैंशल सर्विसेज, ऑटो बिजनस शामिल हैं। ये ऐसे सेक्टर हैं जहां कोरोना महामारी का असर सबसे ज्यादा हुआ है। एविएशन और होटल इंडस्ट्री का हल हर किसी से वाकिफ है। ऑटो सेक्टर की भी यही हालत है। कार की बिक्री में भारी गिरावट आई है। इसके बावजूद टाटा ग्रुप ने अभी तक एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है।
TCS 40 हजार हायरिंग भी करेगी
पिछले दिनों टाटा की आईटी फर्म TCS ने कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में 40 हजार कैंपस सिलेक्शन करेगी। यह उन छात्रों के लिए राहत की खबर है जो महासंकट के समय कॉलेज से पास होकर निकलने वाले हैं। इस तरह की रिपोर्ट IIT जैसे संस्थानों से आ रही हैं कि बड़ी-बड़ी कंपनियों ने ऑफर वापस ले लिया है या फिर होल्ड पर डाल