धारा 144लागू होने के बावजूद मन्जीत सिंह पटेल के नेतृत्व में 9 नवम्बर से जारी पेंशन सत्याग्रह का 12 नवम्बर की रात को स्वरूप बदलकर इसे अलग अलग रणनीतियों के तहत चलाया जायेगा। टीम से बात करते दिल्ली महासचिव आकिल अख्तर ने बताया कि 67लाख परिवारों के भविश्य का सवाल है,उनके साथ जो शोषण हो रहा है पेंशनसत्याग्रह उनके लिये एक उम्मीद बनेगा और हमें भी विश्वास है केंद्र हमारी समस्या को गम्भीरता पूर्वक देखेगा। जब तक इस 15साल के वनवास को खत्म नही किया जाता हम लगातार सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट करते रहेंगे।
उन्होने बताया कि 2004से लागू नयी पेंशन नीति से 24% सेलरी के बराबर हर माह निवेश किए जाने के बावजूद आज तक यह नही तय हो पाया है कि सेवानिवृत्त होने के बाद आखिर कर्मचारी को कितनी पेंशन मिलेगी यही नही सेवाकाल में मृत्यु की दशा में फेमिली पेंश्ंन भी आज तक बहाल नही हुई है जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
दिल्ली टीम के सचिव लौकेंद्र राजावत जी ने बताया आज तक लगभग 4लाख करोड़ रुपये इस नीति के माध्यम से निवेशित हुए हैं जिनमें आये दिन घोटाले उजागर हो रहे हैं।
दिल्ली प्रशासनिक सेवा के अरविंद सिंह ने कहा कि हम इस अन्याय को अब और सहन नही करेंगे,यदि जरूरत पडी तो हम आमरण अनशन पर भी जाने से नही कतरायेंगे।