Text of PM’s speech at the release of ‘Tiger Census Report 2018’ in

मंत्री परिषद के मेरे साथी, श्री प्रकाश जावड़ेकर जी; श्रीमान बाबुल सु्प्रियो जी, यहां उपस्थित अन्‍य सभी महानुभाव। सबसे पहले आप सभी को Global Tiger Day की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

इस वर्ष का Global Tiger Day इसलिए भी खास है क्‍योंकि भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के लिए मैं आप सभी को दुनिया भर के वन्‍य जीव प्रेमियों को, इस मिशन से जुड़े हर अधिकारी, हर कर्मचारी और विशेषकर वन-प्रदेशों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहनों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

Friends.

Today, on Global Tiger Day, we re-affirm our commitment towards protecting the tiger. The results of the just declared tiger census would make every Indian, every nature lover happy. Nine long years ago, it was decided in Saint Petersburg, that the target of doubling the tiger population would be 2022. We in India completed this target four years early. The speed and dedication with which various stake-holders worked to achieve this is remarkable. This is one of the finest examples of संकल्प से सिद्धि। Once the people of India decide to do something, there is no force that can prevent them for getting the desired results.

साथियो, मुझे याद है कि 14-15 साल पहले जब ये आंकड़े सामने आए थे कि देश में सिर्फ 1400 टाइगर रह गए हैं, तो ये बड़े डिबेट का विषय बन गया था, चिंता का कारण बन गया था। टाइगर प्रोजेक्‍ट से जुड़े हर व्‍यक्ति के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी। टाइगर के लिए उपयुक्‍त माहौल से लेकर इंसानी आबादी के साथ संतुलन बिठाने का एक बहुत मुश्किल काम सामने था, लेकिन जिस प्रकार संवेदशनशीलता के साथ, आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इस मुहिम को आगे बढ़ाया गया, वह अपने-आप में बहुत ही प्रशंसनीय है।

आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत करीब 3 हजार टाइगर्स के साथ  दुनिया के सबसे बड़े और सबसे सुरक्षित Habitats में से एक है। दुनियाभर में टाइगर की करीब तीन-चौथाई आबादी का बसेरा हमारे हिन्‍दुस्‍तान में है।

यहां उपस्थित आप में से कई लोग ये भी भली-भांति जानते हैं कि Wild Life eco-system को समृद्ध करने का ये अभियान सिर्फ टाइगर तक ही सीमित नहीं है। गुजरात के गिर के जंगलों में पाए जाने वाले Asiatic Lion और Snow Leopard के संरक्षण की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है। बल्कि गिर में तो जो काम पहले से चल रहा है, उसके सुखद परिणाम आज साफ-साफ नजर आ रहे हैं। वहां के शेरों की संख्‍या 27 प्रतिशत तक बढ़ी है। मुझे खुशी है कि भारत की Best Practices का लाभ टाइगर रेंज के दूसरे मित्र देशों को भी मिल रहा है।

आज National Tiger Conservation Authority चीन, रूस समेत 5 देश समझौता कर चुके हैं और जल्‍द ही दूसरे देशों के साथ समझौता भी तय है। ग्‍वाटेमाला भी अपने यहां Jaguar Conservation के लिए भी हमसे तकनीकी मदद ले रहा है। वैसे ये भी दिलचस्‍प है कि टाइगर, सिर्फ भारत ही नहीं, कई और देशों में आस्‍था का प्रतीक है। भारत के अलावा मलेशिया और बांग्लादेश का राष्‍ट्रीय पशु बाघ ही है। चीनी संस्‍कृति में तो Tiger Year मनाया जाता है। यानी एक तरह से देखें तो टाइगर से जुड़ी कोई भी पहल, कई देशों को, वहां के लोगों को कई तरह से प्रभावित करती है।

Friends,

Human empowerment is incomplete without a better environment. And so, the way ahead is in collectiveness instead of selectiveness. We need to take a broad-based and holistic look at environmental conservation.

There are several plants and animals out there that need our help. What is it that we can do, either through technology or human action, to give them a fresh lease of life so that they can add beauty and diversity to our planet. Also, there is a very old debate –  development or environment. And, both sides present views as if each is mutually exclusive.

लेकिन हमें सह-अस्तित्‍व को भी स्‍वीकारना होगा और सह-यात्रा के महत्‍व को भी समझना होगा। I feel it is possible to strike a healthy balance between- development and environment. और हमारा तो देश ऐसा है कि जहां हमें हजारों साल से सह-अस्तित्‍व की शिक्षा दी गई है। हमारे पूर्वजों ने जो भगवान की कल्‍पना की थी और सह-अस्तित्‍व का उदाहरण उसमें महसूस होता है; ये सावन मास है; सोमवार है, शिवजी के गले में सांप है और उसी परिवार के गणेशजी का आसन चूहा है। सांप चूहे को खाने की आदत रखता है, लेकिन शिवजी अपने परिवार में सह-अस्तित्‍व का संदेश देते हैं। ये अपने-आप में हमारे यहां किसी परमात्‍मा की कल्‍पना पशु, पक्षी, पौधे के बिना नहीं की गई, उसके साथ जोड़ा गया है।

In our policies, in our economics, we have to change the conversation about conservation. We have to be both, smart and sensitive, and create a healthy balance of environmental sustainability and economic growth.

India will prosper both economically and environmentally. India will build more roads  and India will have cleaner rivers. India will have better train connectivity and also greater tree coverage. India will build more homes for our citizens and  at the same time create quality habitats for animals. India will have a vibrant marine economy and a healthier marine ecology. This balance is what will contribute to a strong and inclusive India.

साथियो, बीते पांच वर्षों में जहां देश में Next generation Infrastructure के लिए तेजी से कार्य हुआ है, वहीं भारत में Forest Cover भी बढ़ रहा है। इसके अलावा देश में Protected Areas की संख्‍या में भी वृद्धि हुई है। 2014 में भारत में Protected Areas की संख्‍या 692 थी, जो 2019 में बढ़कर अब 860 से ज्‍यादा हो गई है। साथ ही Community Reserve की संख्‍या भी 2014 के 43 से बढ़कर अब करीब-करीब 100 को पार कर गई है।

टाइगर की संख्‍या बढ़ना, Protected Areas की संख्‍या बढ़ना भी सिर्फ एक आंकड़ा भर नहीं है। इसका बहुत बड़ा प्रभाव टूरिज्‍म और रोजगार के साधनों पर भी पड़ता है। मैंने कहीं पढ़ा था कि रणथंबौर में जो मशहूर Tigress ‘मछली’ थी, सिर्फ उसे देखने के लिए ही लाखों देशी-विदेशी tourist डेरा डालते रहते थे। इसलिए बाघों के संरक्षण के साथ ही हम environmentally sustainable eco-tourism infrastructureके निर्माण पर भी बल दे रहे हैं।

साथियो, पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाए गए भारत के तमाम प्रयासों ने हमें Climate Action का Global Front Runner बना दिया है। वर्ष 2020 से पहले Emission Intensity of GDP के लिए भी जो लक्ष्‍य रखे गए थे, वो भारत पहले ही प्राप्‍त कर चुका है। भारत आज दुनिया के उन शीर्ष देशों में है जो अपनी Economy को Clean Fuel Based और Renewable Energy Based बनाने में जुटा है। Waste और Bio-mass को अपनी Energy Security को एक व्‍यापक हिस्‍सा हम बना रहे हैं।

इसके अलावा अब जो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर काम हो रहा है, बायोफ्यूल्‍स पर काम हो रहा है, स्‍मार्ट सिटी पर काम हो रहा है, उससे भी पर्यावरण के हित जुड़े हुए हैं। Renewable Energy के मामले में तो हम बड़ी तेजी से अपने लक्ष्‍य की तरफ बढ़ रहे हैं। 2022 तक हमने जो 175- Gigawatt Renewable Energy पैदा करने का लक्ष्‍य रखा है, उसको हासिल करने के लिए पूरी क्षमता से काम चल रहा है।

वहीं International Solar Alliance यानी ‘ISA’ के माध्‍यम से हम दुनिया के अनेक देशों को Solar Power से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब हमारा लक्ष्‍य होना चाहिए: One World, One Sun, One Grid – एक दुनिया, एक सूर्य, एक ग्रिड।

उज्‍ज्‍वला और उजाला जैसी योजनाएं देश के सामान्‍य जीवन को तो आसान बना ही रही हैं, इससे पर्यावरण की भी सेवा हो रही है। देश के हर परिवार को LPG कनेक्‍शन देने भर से ही हम बड़ी मात्रा में पेड़ों को काटने, उनको नुकसान पहुंचाने से बचाने में सफल हो रहे हैं। देश के हर घर, हर बिल्डिंग, हर सड़क, हर गली को LED bulb से लैस करने का जो अभियान चल रहा है, उससे बिजली तो बच ही रही है, Carbon Generation में भी बहुत कमी आ रही है और साथ-साथ मध्‍यम वर्ग के परिवारों में बिजली का बिल भी कम हुआ है, उनको आर्थिक रूप से फायदा ही हुआ है।

साथियो, आज भारत की पहचान दुनिया के उन देशों में है जो अपने और दुनिया के हित में जो भी संकल्‍प लेता है, उनको समय पर पूरा करता है। Poverty Elimination और Sustainable Development Goals को हासिल करने में भी भारत विश्‍व में अग्रणी रहेगा, इसका मुझे पूरा विश्‍वास है। साथियो, ऐसे ही प्रयासों की वजह से आज भारत की पहचान दुनिया के उन देशों में है जो अपने और दुनिया के हित में जो भी संकल्‍प लेता है, उनको समय पर पूरा करता है।

As we celebrate the numbers today, we have to realize that these majestic animals are facing dire challenges from an ever decreasing and disturbed habitat and illegal trade and traffic. India is committed to doing whatever it can to further animal protection and conservation.

I would request heads of government of the Tiger Range Countries, and bring them together in an Alliance of Global Leaders to erase demand and to firmly curb poaching and illegal trade in Asia. Let me once again congratulate you on this World Tiger Day.

Let us all pledge to create a green and environmentally sustainable country. Let the tiger be that symbol of sustainability.

इस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके। केवल टाइगर जिंदा है, इससे काम नहीं चलेगा और कभी पहले सिनेमा वाले गाते थे बागों में बहार है, अब सुप्रियो जी गाएंगे- बाघों में बहार है।

Tiger Conservation से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्‍तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए।

इसी उम्‍मीद, इसी विश्‍वास के साथ एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद।

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