जब भी सोंचे अच्छा सोंचे ,
सीधा सच्चा रास्ता सोंचे ,
कलम को अपनी ढाल बनाकर , तलवारों से नहीं डरे हम ,
सृजन प्रेम की बात करें हम ,
नफरत का प्रतिकार करें हम ,
आशा फूलों की अच्छी है
हटें नहीं जब मिलें खरोंचे ,
जब भी सोंचे अच्छा सोंचे ,
सीधा सच्चा रास्ता सोंचे ,
औरों के भी दिल को समँझे,
उनकी भी मुश्किल को समझें ,
प्रेम की भाषा प्रेम की बोली ,
कर्म की भाषा . कर्म की बोली,
कर्म दिवाली, कर्म ही होली
डटें रहें हम जुटें रहें हम ,
हटें नहीं हम जब , लगे खरोंचे,
जब भी सोंचे अच्छा सोंचे ,
सीधा सच्चा रास्ता सोंचे ,