साहब.. कुछ घंटे पहले ही तो पूरा परिवार साथ में था, देवरानी-जेठानी एक दूसरे से हंसी-मजाक कर रही थीं। परिवार के अन्य लोग भी एक साथ ही मौजूद थे। लेकिन, यह खुशियां चंद लम्हों में ही मातम की चित्कार में तब्दील हो गईं। मौत की नींद सोईं जेठानी और देवरानी को मंगलवार सुबह परिजनों ने शृंगार कर करुण हृदय से अंतिम विदाई दी। घर से दोनों की अर्थियां उठते देख मौजूद लोगों की भी आंखें भर आईं। यह नजारा था बुलंदशहर के उस परिवार का जहां बेटी से छेड़छाड़ का विरोध करने पर परिवार के चार लोगों को कार से कुचल दिया, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई।
वारदात की बर्बरता बयान करते स्थानीय लोग सिहर उठते थे। इस सब में एक सबसे दर्दनाक पहलू भी था, जो सभी को झकझोर रहा था। घर में खुशियों का माहौल था। घटना से कुछ देर पहले ही पूरा परिवार एक शादी समारोह में शामिल होकर घर लौटा था। घर की महिलाएं, युवतियां व अन्य परिजन घर के बाहर ही खड़े होकर एक-दूसरे से हंसी-मजाक और बातें कर रहे थे। आरोपी की कार ने दोनों महिलाओं समेत दो युवकों को भी रौंद दिया।
देवरानी-जेठानी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोनों घायल मौत से जूझ रहे हैं। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही दोनों की अर्थी को परिवार के लोगों ने कंधे पर उठाया तो घर में कोहराम मच गया। एक ही छत के नीचे से दो सुहागिनों की अर्थी निकली तो हर कोई सिहर उठा।