OROP के बावजूद नाखुश हैं कई पूर्व सैनिक, इस बा र फिर राहत की आस

मोदी सरकार के अंतरिम बजट में डिफेंस सेक्‍टर पर फोकस किया गया था और अब पूर्ण बजट में उम्मीद है कि सरकार सैनिकों की बाकी मांगों पर भी फैसला ले सकती है.

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मोदी सरकार का कहना है कि सैनिक कठिन हालात में देश की रक्षा करते हैं. इसलिए सरकार सैनिकों के साथ है और उनके हित के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, सरकार उठाने से नहीं हिचकेगी.

इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत सरकार ने रिटायर्ड सैनिकों को 35 हजार करोड़ रुपये दिए हैं. सैनिकों की यह मांग 40 साल से लंबित पड़ी थी.

दरअसल, 2015 में सरकार ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) योजना की घोषणा की, जिसके तहत अलग-अलग समय पर समान अवधि का कार्यकाल पूरा करके सेवानिवृत्त हुए एक ही रैंक के फौजियों को समान पेंशन देने की बात कही गई.

अंतरिम बजट में हाई रिस्क में ड्यूटी कर देश की रक्षा करने वाले जवानों के भत्ते में भी इजाफा किया गया. इसके साथ ही सरकार ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त फंड मुहैया कराया जाएगा.

दरअसल बीजेपी ने 2014 के चुनावी घोषणापत्र में OROP का वादा किया था. हालांकि, इसके लिए पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर आए थे. उसके बाद आखिरकार 2015 में सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए OROP लागू किया. इससे पहले स्थिति यह थी कि 2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी, यहां तक कि अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन उनके खाते में आती थी. इस योजना से लगभग 3 लाख रिटायर सैनिकों को फायदा हुआ.

बता दें, मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में डिफेंस सेक्‍टर पर फोकस किया था और अब पूर्ण बजट में उम्मीद है कि सरकार सैनिकों की बाकी मांगों पर भी फैसला ले सकती है.

फरवरी 2019 का रक्षा बजट 3.18 लाख करोड़ रुपये.

2018 का रक्षा बजट 2.95 लाख करोड़ रुपये.

2017 का रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपये.

भारत का रक्षा बजट

फरवरी 2019 में रक्षा बजट के लिए कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए. अगर इसे जीडीपी के अनुपात में देखें तो अब तक का सबसे कम महज 1.4 फीसदी है. जबकि प्रतिरक्षा मामलों पर संसदीय समिति का कहना है कि इसे कम से कम 3 फीसदी होना चाहिए.

रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा रक्षा पेंशन बजट में चला जाता है. साल 2018-19 के लिए रक्षा बजट में से 1.08 लाख करोड़ रुपये केवल पेंशन में खर्च हो गए. जबकि इससे पहले साल 2017-18 में 82,620 करोड़ रुपये पेंशन बजट में चला गया था. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 5 जुलाई को बजट में मोदी सरकार सैनिकों को बड़ा तोहफा दे सकती है.