दिल्ली की विधानसभा में आप पार्टी के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कई मुद्दों पर आवाज उठाई | साथ ही केंद्र सरकार और एलजी पर भी निशाना साधा | आपको बता दे की दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आप सरकार की उन परियोजनाओं और प्रस्तावों का जिक्र किया जो केंद्र और उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के कारण फंसे हुए हैं। इनमें जनलोकपाल और स्वराज जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
सिसोदिया ने कहा कि जनलोकपाल बिल इसलिए पास नहीं हो पाया,क्योंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है। पिछले 3 साल से सरकार काम कर रही है अगर जनलोकपाल आ जाता तो भ्रष्टाचारी जेल में होते। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली सरकार के काम को रोकना ही उपराज्यपाल का एकमात्र काम रह गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनलोकपाल बिल पास कर केंद्र सरकार को भेजा है,अगर वह पास हो जाता तो दिल्ली में जीरो करप्शन होता। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने के चलते मोहल्ला सभाओं के गठन में उपराज्यपाल ने टांग अड़ा दी। मोहल्ला सभाओं से स्वराज का रास्ता खुलता।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल से मंजूरी लेना हमारी मजबूरी है। पूर्ण राज्य का दर्जा होता तो उपराज्यपाल को फाइल भी भेजनी नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक बनाने के लिए कई एजेंसियों से अनुमति लेनी पड़ती है। पूर्ण राज्य का दर्जा होता तो एक साल में 1000 मोहल्ला क्लीनिक बन गए होते,लेकिन अभी 164 ही काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं के पास गुडग़ांव व फरीदाबाद के मतदाताओं की तुलना में शक्तियां नहीं हैं क्योंकि वहां सरकार खुद से फैसले कर सकती है।