विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र का सम्पूर्ण विश्व को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और अभियान करने लिए के लिए सबसेमहत्वपूर्ण दिन है। भारत विश्व पर्यावरण दिवस-2018 का वैश्विक मेजबान रहा, जोकि 5 जून, 2018 को मनाया गया। इस वर्ष "बीट प्लास्टिक प्रदूषण" को थीम के रूप में घोषित करने के साथ, एक बार प्रयोग योग्य प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले प्रदूषण का विरोध करने के लिए दुनिया एक साथ आगे आई।
आरोह फाउंडेशन द्वारा सामाजिक लक्ष्यों के लिए प्रमुख/ प्रभावी संदेशवाहक होने के नाते अपने परियोजना स्थलों पर; जो भारत के 18 राज्यों के 200 से अधिक गांवों में फैले हुए हैं, पर्यावरण दिवस का आयोजन किया गया। मेघालय तथा छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों केलाभार्थियों द्वारा विभिन्न पर्यावरण दिवस पर आधारित समुदाय-सम्बन्धी गतिविधियों जैसे रैली और स्वच्छता अभियान आदि का आयोजन किया गया। सामुदायिक नेतृत्व वाली स्वच्छता और सफाई अभियान के माध्यम के ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही गांवों की गलियों, तालाबों और जल निकायों को भी प्रभावी ढंग से साफ किया गया।
स्कूली बच्चों ने उत्साहपूर्वक परियोजना अधिकारियों द्वारा आयोजितविभिन्न गतिविधियों जैसे- चित्रकला प्रतियोगिता, वाद-विवाद निबंधलेखन आदि में भाग लिया। कुछ स्कूलों के बच्चों ने पर्यावरण और पृथ्वी पर प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों पर नाटक का प्रदर्शन किया और पर्यावरण के अनुकूल आसानी से नष्ट होने वाली वस्तुएं उपयोग करने के लिए समुदाय के लोगों से अनुरोध किया। इस अवसर पर लोगों को इस तरह के प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए शपथ लेने के लिए जागरूक और प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर आरोह फाउंडेशन की संस्थापक और सीईओ डॉ.नीलम गुप्ता ने कहा , “हमारी दुनिया हानिकारक प्लास्टिक अपशिष्ट केदलदल में फंसी है।प्रतिवर्ष इसी प्रकार का अवशिष्ट 8 मिलियन टन सेअधिक महासागरों में समाप्त होता है। समुद्र में सूक्ष्म प्लास्टिक की तादाद अब हमारी आकाशगंगा में सितारों से अधिक है। दूरस्थ द्वीपों से आर्कटिक तक कहीं भी छूटा नहीं है। यदि वर्तमान रुझान जारी रहता है, तो 2050 तक हमारे महासागरों में मछली की तुलना में प्लास्टिक अधिक होगी। हमारी भावी पीढ़ी के लिए पृथ्वी को बचाना हमारा मुख्य कर्तव्य है। एकल प्रयोग योग्य प्लास्टिक के उपयोग को न कहते हुए पृथ्वी पर बेहतर वातावरण बनाने और अपनी पृथ्वी को आगामी पतन से बचाने के लिए सभी मिलकर एक लम्बी योजना बनाएंगे।”
आरोह फाउंडेशन अपने विभिन्न कार्यक्रमों शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन परिवर्तन, केमाध्यम से समुदाय सशक्तिकरण की ओर अग्रसर भविष्य के लक्ष्य कोआकार देने में देश भर के विभिन्न राज्यों में स्थायी एवं सक्रिय रूप सेप्रवृत्त है।