आपको यह ध्यान में आ ही गया होगा कि अपने देश की ई कॉमर्स की बड़ी प्रतिष्ठित कंपनी फ्लिपकार्ट का अमेरिका की कंपनी वालमार्ट द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है! इसकी घोषणा आज अमेरिका से आए हुए अधिकारी,कल सवेरे मीडिया के सामने कर देंगे!यह कोई 15 बिलियन डॉलर या कहिए 100 अरब रुपए की डील है!जो कि दुनिया के ई कॉमर्स के इतिहास की सबसे बड़ी डील है!
यहां यह जानना भी आवश्यक है कि यह डील ना तो देश हित में है, ना स्वदेशी हित में, ना ही यह कानूनी है और ना ही नैतिक! इस देश के लोगों ने Flipkart को इतना आगे इसलिए केवल बढ़ाया कि यह हमारे देश की अपनी कंपनी है!इस पर विश्वास इसलिए किया कि यह अमेरिकन कंपनी Amazon को भी अच्छे से टक्कर दे रही है!देश के इस प्रेम को, विश्वास को किसी अमेरिकी कंपनी के हाथों बेचने का अधिकार, Flipkart की मैनेजमेंट को भी नहीं है!
दूसरी तरफ यह भी ध्यान करने योग्य बात है कि इ कॉमर्स या मल्टी ब्रांड रिटेल में कोई विदेशी कंपनी व्यापार कर ही नहीं सकती! भारत में वह गैरकानूनी होगा! किंतु वालमार्ट यह कहकर यह सौदा कर रही है कि यह तो केवल प्लेटफार्म खरीद रही है! किंतु प्लेटफार्म भी किस बात का है?वहां पर ई कॉमर्स के माध्यम से मल्टी ब्रांड रिटेल ही तो बिकता है! केवल एक छोटे नुकते को पकढ़कर आप देश के कानून को धता नहीं बता सकते।।
इसलिए सभी देश प्रेमी,स्वदेशी प्रेमी बंधुओं को चाहिए कि इस वॉलमार्ट द्वारा किए जानेवाले अधिग्रहण का संवैधानिक तरीकों से विरोध किया जाए, सोशल मीडिया, प्रचार मीडिया या प्रत्यक्ष विरोध करके भी इस समझौते को, जो कि देश हित में नहीं है,रद्द करने की मांग उठाना सहज स्वभाविक है!
हम सब लोग इसका विस्तृत अध्ययन भी करें व उसके सभी पक्षों को सामान्य जनता, देश व सरकार के सामने रखें! ताकि इस विषय में ठीक निर्णय संभव हो, इसका हम सब प्रयत्न करें!