कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लगातार हो रहे भ्रषटाचार के खिलाफ छात्रों का आंदोलन लगातार 15वें दिन भी जारी है। इसी कड़ी में आज छात्रों ने ‘बेरोजगारी प्रदर्शनी’ नाम से एक अनूठा प्रदर्शन किया जिसमें विभिन्न महापुरुषों जैसे महात्मा गाँधी, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु आदि के प्रतिरूप में अलग-अलग संदेश दिए गए। इनका मुख्य उद्देश्य उन मूल्यों और बातों को आज के समय के संदर्भ में उजागर करना था जिनके लिए हमारे महापुरुषों ने अपना जीवन समर्पित किया था। अक्सर देखने में आता है कि हम उन्हें केवल चुनिंदा दिनों पर माल्यार्पण मात्र करके याद कर लेते हैं और उनके वास्तविक आदर्शों से अपने जीवन को प्रेरित नहीं करते हैं। छात्रों ने बापू के तीन बंदरों के प्रतीक : ‘बुरा मत देखो’, ‘बुरा मत सुनो’, ‘बुरा मत बोलो’ के माध्यम से नकल करके पेपर पास करते छात्र, ईमानदार छात्रों की अपील न सुनना, उनका अपने अधिकारों की माँग पर चुप्पी साधना विशेष था। छात्र अपनी माँगों को लेकर लगातार संघर्षरत हैं लेकिन उनकी माँगो को सुना नहीं गया है और ये गुमराह करने की कोशिश की जा रही है कि विद्यार्थियों की माँगे मान ली गयी हैं। लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी माँगो को लिखित रूप में मान नहीं लिया जाता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
स्टाफ सिलेक्शन कॉमिशन के घोटालों के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन के 14 दिन बाद प्रदर्शनकारी छात्रों की तीन-तीन सदसय की 5 टीमें राजधानी के अलग अलग जगहों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया है। इन टीमों को आम जन से भारी सर्मथन प्राप्त हुआ। पाँच हज़ार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर करके अपनी सहमति ज़ाहिर की। राजधानी के इंडिया गेट, कश्मीरी गेट, राजीव चौक,लाल किला,करोल बाग गई और आम जनता द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया पाकर छात्रों के हौसले ओर बुलंद हुए है।