गणतंत्र दिवस पर स्वरचित कविता राष्ट्र को समर्पित : राजीव कुमार सक्सेना.

किसने एसी व्यवस्था को जन्म दिया,

जिसने हमारे विकास का मार्ग अवरुध्द किया
वायदे तो लाख किए पर निभा न सके,
निभाना चाहा तो व्यवस्था ने रोडे़ दिए।
जरूरत है तो हमारे जागने और एक जुट होने की,
जिससे दुर व्यवस्था स्थापित न हो फिर कभी।
वह दिन दूर नही जब हम फिर से खुशहाल हो पायेगे,
और अपने राष्ट्र का गौरव फिर से बढा पायेगे।