नई दिल्ली. रेलवे के तत्काल आरक्षण तंत्र को ध्वस्त करते हुए एक ही बार में सैकड़ों टिकटों का आरक्षण करने वाले अवैध साफ्टवेयर का निर्माण करने का आरोपी सीबीआई अधिकारी और उसका सहयोगी देशभर में काम कर रहे थे.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बुधवार को कहा था कि सीबीआई ने अपने सहायक प्रोग्रामर अजय गर्ग और उसके मुख्य सहयोगी अनिल गुप्ता को सॉफ्टवेयर विकसित करने और रुपए के एवज में साफ्टवेयर बांटने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने गर्ग और गुप्ता को उत्तर प्रदेश के जौनपुर से गिरफ्तार किया और उन्हें बुधवार की शाम को यहां लाया गया. उनसे बुधवार की देर रात तक पूछताछ की गई.
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि उनका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने अब तक 10 ऐसे ट्रैवल एजेंटों को चिह्नित किया है जो इस नेटवर्क का हिस्सा थे, लेकिन पूछताछ से कई और एजेंटों का भी पता चल रहा है जिन्होंने उनकी अवैध सेवाएं लीं. उन्होंने बताया कि इस सॉफ्टवेयर का मौजूदा संस्करण करीब 1 साल पहले विकसित किया गया था. सूत्रों ने बताया कि गर्ग की ओर से विकसित इस प्रणाली का इस्तेमाल कर टिकट बुक कराने वाले ट्रैवल एजेंटों से पैसे ‘बिटकॉइन’ और हवाला के जरिए लिए गए ताकि वे निगरानी के दायरे में न आएं.