भुवनेश्वर. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बुधवार को कहा कि अस्पृश्यता हिंदू मूल्यों के खिलाफ है और इसे किसी धर्म में स्वीकृति नहीं दी गई है. वीएचपी ने कहा कि नवंबर में कर्नाटक के उडुपी में सभी जाति व संप्रदाय के नेता और संत साथ आए और यह स्पष्ट करते हुए जातिवाद की निंदा की कि छुआछूत हिंदुत्व की उपज नहीं है.
किसी के लिए किसी भी तरह का कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए क्योंकि हिंदू समाज में हर किसी को बराबरी के साथ देखा जाना चाहिए.
वीएचपी के प्रबंधन और न्यासी समिति बोर्ड की बैठक में पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक, ‘अस्पृश्यता हिंदू विचारधारा के खिलाफ है और इसे किसी धर्म में स्थान नहीं दिया गया है.’ वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने इस बैठक का उद्घाटन किया और इसमें 35 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.