गुजरात विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी ने बाजी मारी हो मगर 2012 की तुलना में उनकी सीटें काफी कम हुई है. सीट कम होने का एक प्रमुख कारण है पाटीदार आन्दोलन. गुजरात का पाटीदार समाज बीजेपी का पारंपरिक वोटर था. मगर इस चुनाव में उनकी नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ी. बीजेपी के पाटीदार वोट में इस बार 10% की कमी रही. हार्दिक पटेल के कांग्रेस के साथ जाने से उन्हें भी फायदा हुआ.
राज्य में ऐसी 52 सीट थी जहां पाटीदारों की 20 फीसदी से ज्यादा थी. वहां बीजेपी को 8 सीटों का नुकसान हुआ है. वहीं कांग्रेस को 9 सीटों का फायदा हुआ है. 2019 आम चुनाव में भी पाटीदार समाज बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. यदि हार्दिक पटेल ने अपना आन्दोलन जारी रखा और कांग्रेस ने उन्हें साथ दिया तो अगले आम चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. वैसे अकेला पाटीदार समाज ही नहीं है जो बीजेपी के लिए 2019 में मुश्किल कड़ी कर सकता है. हरियाणा का जाट समाज और महाराष्ट्र का मराठा समाज भी बीजेपी की राह का रोड़ा बन सकता है.