नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सजायाफ्ता नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए. साथ ही आयोग ने यह भी कहा कि इस संबंध में कानून में संसोधन के लिए केंद्र सरकार को कई बार चिट्ठी लिख चुका है. आयोग ने राजनीति के अपराधीकरण को रोकने की मांग वाली एक जनहित याचिका में दोषी करार लोगों को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए अयोग्य ठहराये जाने की मांग का समर्थन किया है.
आयोग ने कहा कि उसने अपनी यह मांग सरकार के सामने भी रखी है और वह इस बारे मे कानून संशोधित करने के लिए सरकार को भी लिख चुका है. आयोग की इस बात पर कोर्ट ने इस बात का प्रूफ मांगते हुए कहा कि कब लिखा है सरकार को, दिखाओ.
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक की मांग वाली PIL पर सुनवाई के दौरान दाग़ी नेताओं के ख़िलाफ़ लंबित मामलों की जानकारी मांगी गयी थी. कोर्ट ने कहा था, क्या याचिकाकर्ता के पास इसका कोई ब्यौरा है.‘
सुप्रीम कोर्ट बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें आपराधिक मामलों में दो वर्ष या इससे अधिक की सजा पाने वालों पर आजीवन चुनाव लडऩे की पाबंदी लगाने की अपील की गई है. याचिका में राजनेताओं के ऐसे मामलों का ट्रायल एक साल के अंदर पूरा करने के लिए विशेष अदालत का गठन करने की भी मांग की गई है. याचिका में चुनाव लडऩे के लिए अधिकतम उम्र और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने की भी मांग की गई है.