शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के बाद अब दिल्ली सरकार के निशाने पर अब बहुत से प्राइवेट अस्पताल आ रहे है | आपको बता दे की दिल्ली की जनता के लिए खासकर स्वास्थ को लेकर दिल्ली सरकार बहुत ज्यादा गंभीर है | वही रियायती दर पर जमीन लेने वाले राजधानी के करीब 40 प्राइवेट अस्पतालों में सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अफसरों की मीटिंग बुलाई गई है। वही प्राइवेट अस्पताल से दिल्ली सरकार ईडब्ल्यूएस मरीजों पर फीडबैक लेगी |
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में संकेत दिया कि जिस तरह प्राइवेट बिजली कंपनियों को ठीक कर दिया है उसी तरह सरकारी भूमि पर बने प्राइवेट अस्पतालों को भी ठीक कर देंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस कोटे के मरीजों का इलाज करने से आनाकानी करने वाले एक दर्जन अस्पतालों को 500 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना ठोकते हुए नोटिस जारी किया है। लेकिन अस्पताल आरोप से इंकार कर रहे हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय किस प्राइवेट अस्पताल ने अब तक कितने ईडब्ल्यूएस कोटे में कितने मरीजों का इलाज किया है, इस मामले में नोडल अफसरों से ब्यौरा तलब किया है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार को ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि प्राइवेट अस्पताल वाले बाजार दर से कई गुना रेट पर दवाईयां मरीजों को दे रहे हैं। लेकिन प्राइवेट अस्पतालों की मुख्य शिकायत गरीब मरीजों की इलाज में टालमटोल करने को लेकर आई है।